नोबल शांति पुरस्‍कार विजेता नरगिस मौहम्‍मदी की चिकित्‍सा सहायता पर जेल अधिकारियों ने लगाई रोक

ईरान की जेल में बंद नोबल शांति पुरस्‍कार विजेता नरगिस मौहम्‍मदी की चिकित्‍सा सहायता पर जेल अधिकारियों ने रोक लगा दी है। वह इस समय तेहरान की एक जेल में बंद हैं।

नरगिस मौहम्‍मदी के जीवन को खतरा

उनके परिवार ने कहा है कि नरगिस मौहम्‍मदी के जीवन को खतरा है। उन्‍हें ह्रदय और फेफडों से जुडी स्‍वास्‍थ्‍य की समस्‍या है। जेल वार्डन ने बताया कि उच्‍च अधिकारियों के आदेशानुसार नरगिस मौहम्‍मदी को बिना हिजाब पहने अस्‍पताल में भर्ती नही कराया जा सकता। उन्‍होने हिजाब पहनने से इंकार कर दिया है।

पिछले महीने की गई थी नोबल पुरस्‍कार देने की घोषणा

बताते चलें कि नरगिस मौहम्‍मदी को ईरान में महिलाओं उत्‍पीडन के खिलाफ उनके प्रयासों के लिए पिछले महीने नोबल पुरस्‍कार देने की घोषणा की गई थी। ईरान में 1979 में इस्‍लामिक क्रांति के बाद से महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्‍थानों पर हिजाब पहनना अनिवार्य है।

पहली बार हुई थी  वर्ष 2011 में गिरफ्तार

नरगिस मोहम्मदी को कई बार गिरफ़्तार किया जा चुका है, और पहली बार उनकी गिरफ़्तारी वर्ष 2011 में हुई जब वो जेल में बन्द मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की पैरवी कर रही थीं। वर्ष 2015 में, मृत्युदंड के विरुद्ध उनकी सक्रियता के कारण नरगिस मोहम्मदी को एक बार फिर गिरफ़्तार किया गया, और अतिरिक्त वर्षों के लिए जेल की सज़ा सुनाई गई। फ़िलहाल वो तेहरान की ऐविन जेल में राजसत्ता के विरुद्ध दुष्प्रचार फैलाने के आरोप में एक लम्बी सज़ा काट रही हैं।

नरगिस मोहम्मदी की गिरफ़्तारी और उन्हें हिरासत में रखा जाना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का एक उल्लंघन

इससे पहले, यूएन वर्किंग ग्रुप ने कहा था कि नरगिस मोहम्मदी को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है और उनकी जल्द रिहाई के साथ मुआवज़े व भरपाई की व्यवस्था की जानी होगी। यूएन विशेषज्ञों के अनुसार, नरगिस मोहम्मदी की गिरफ़्तारी और उन्हें हिरासत में रखा जाना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का एक उल्लंघन है। 

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