देश के विभिन्न हिस्सों में दिख रहा भीषण गर्मी का प्रकोप, हीट स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि
देश के विभिन्न हिस्सों में वर्तमान में भीषण गर्मी का प्रकोप देखा जा रहा है, जहाँ तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर जा चुका है। अत्यधिक गर्मी के कारण अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हुई है। हीट स्ट्रोक के कारण एक साथ कई अंग भी फेल हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं।
गर्मी का प्रकोप
देश के कई क्षेत्रों में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है और लू चल रही है। अत्यधिक गर्मी के कारण लोग विभिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिनमें हीट स्ट्रोक प्रमुख है। हीट स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है, जिसका समय पर उपचार न हो तो यह जानलेवा हो सकता है। कई मामलों में हीट स्ट्रोक से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है, जिससे शरीर के कई अंग एक साथ प्रभावित होते हैं। अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्रों में हीट स्ट्रोक से मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
हाल ही की घटनाएं
हाल ही में राजस्थान में 23 वर्षीय एक युवती को चिलचिलाती धूप से एसी वाले दफ्तर में पहुँचने के बाद बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहाँ पता चला कि उसे ब्रेन हेमरेज हुआ है। इसी प्रकार, अत्यधिक गर्मी में धूप में खड़ी गाड़ी का तापमान 60 से 70 डिग्री तक जा सकता है। जब आप एसी वाले तापमान से सीधे गाड़ी में बैठते हैं, तो हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है। डॉक्टरों के अनुसार, हीट स्ट्रोक से मल्टीऑर्गन फेलियर के चांस बढ़ रहे हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिछले दो दिनों में 25 से अधिक मरीज तेज गर्मी का शिकार होकर अस्पताल पहुंचे हैं। राजस्थान के लगभग 26 जिलों में हीटवेव के कारण ऐसे ही हालात हैं। एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर मेहता ने बताया कि पिछले कुछ समय से हीट वेव के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बच्चों और बुजुर्गों को गर्मी से बचाना अत्यंत आवश्यक है, साथ ही दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर व्यक्ति में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे चक्कर आना, कमजोरी, उल्टी-दस्त और तेज सिरदर्द। यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
गर्मी से बचाव के उपाय
अपनी गाड़ी को छाया में खड़ी करें।
बाहर जाते समय सिर को कवर रखें।
दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।
गाड़ी में बैठने से पहले ऑन करके दोनों गेट खोलकर एसी चालू करें और कुछ देर छोड़ दें।
गाड़ी में ज्वलनशील चीजें, मोबाइल, बैटरी को डैशबोर्ड पर न रखें।
इन सावधानियों को अपनाकर हीट स्ट्रोक से बचाव किया जा सकता है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।
हीट वेव के इफेक्ट से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। गर्मी के मौसम में बीमारियों का दौर भी शुरू हो जाता है, जिससे बचना हर किसी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। आपकी छोटी सी लापरवाही कब बड़ी समस्या बन जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में जरूरी है कि आप इस समय अपनी हेल्थ पर खास ध्यान दें। खासतौर पर शरीर को ठंडा रखने पर आपको ज्यादा फोकस करना चाहिए। क्योंकि हीट स्ट्रोक कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है।इसके अलावा आंवला में भी गर्मी से बचने वाले गुणों की खान है। इसमें भरपूर मात्रा में इसके powerful antioxidant गुण Chyawanprash को immunity booster, anti-inflammatory और rejuvenated property से भरपूर कर देते हैं। गर्मियों में इसका सेवन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। आंवला न सिर्फ आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है बल्कि शरीर के तापमान को भी काम करने में मदद करता है। यही कारण है कि आंवले को आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है। आप नियमित रूप से अपनी डाइट में एक या दो ताजा आंवला शामिल करें। अगर आप ताजा आंवला नहीं खा सकते तो डाबर च्यवनप्राश का भी सेवन कर सकते हैं।अगर आप भी दिनभर काम में बिजी रहने के कारण अपना कोई खास ध्यान नहीं रख पाते हैं तो डाबर च्यवनप्राश का सेवन कर आप रख सकते हैं अपने शरीर सारे दिन कूल-कूल और इससे बीमारियों को कंट्रोल करने में भी आपको मदद मिलेगी।
इसके अलावा दोपहर के समय घर के अंदर ही क्योंकि इस दौरान टेंपरेचर सबसे ज्यादा होता है…हल्के रंग और फाइबर के कपड़े पहनने चाहिए… और टाइम टू टाइम पानी या कोई हेल्थ ड्रिंक पीना ना भूलें।