सोमवार को होगा कार्यदायी संस्था के अधीक्षण अभियंता का घेराव, डामरीकरण होने के दो माह के भीतर ही माल रोड में पड़े गढ्ढे
अल्मोड़ा की मालरोड में डामरीकरण के दो माह के भीतर ही डामर उखड़ने लगा है और सड़क पर गढ्ढे बन गये हैं, जिस पर पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए सोमवार को अधीक्षण अभियंता जल निगम के कार्यालय में उनके घेराव की घोषणा कर दी है।
प्रेस को जारी एक बयान में पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि जनवरी माह में माल रोड मे जाखन देवी से शिखर होटल तक सीवर लाईन निर्माण का कार्य प्रारम्भ हुआ था जिसको एक माह में पूरा हो जाना था, लेकिन कार्यदायी संस्था जल निगम के द्वारा इस कार्य को पूरा करने में पांच माह का समय लिया गया जिससे पांच माह तक पूरे क्षेत्र के व्यापारी एवं जनता परेशान रही। लगातार आन्दोलनों एवं अनेकों प्रदर्शनों के बाद सीवर का कार्य बमुश्किल पूरा हुआ।
डामरीकरण के लिए जनता को करना पड़ा काफी संघर्ष
माल रोड पर डामरीकरण के लिए भी क्षेत्रीय जनता को काफी संघर्ष करना पड़ा तब जाकर सड़क पर डामरीकरण का कार्य हुआ। श्री कर्नाटक ने कहा कि हैरानी की बात है कि सड़क पर डामरीकरण हुए अभी दो माह का समय भी नहीं हुआ है और सड़क में बड़े बड़े गढ्ढे बन गये। उन्होंने कहा कि अरोमा आटोमोबाइल के सामने लगातार बड़े बड़े गढ्ढे बन रहे हैं जिससे भवन स्वामी के मकान को खतरा उत्पन्न हो गया है तथा वाहन चालकों एवं पैदल चलने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि माल रोड में हुए इस घटिया डामरीकरण में गुणवत्ता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया जिसके लिए स्पष्ट तौर पर कार्यदायी संस्था जल निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व भी जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए उनके द्वारा सड़क के गढ्ढे सीमेंट से भरवाये गये थे, लेकिन पुनः सड़क पर सुरंगनुमा गढ्ढे बन गये हैं और कुछ जगह सड़क में बने गढ्ढों में पानी इकट्ठा होकर दुर्घटना को दावत दे रहा है।
जनता के साथ ये सरासर धोखा
उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की जनता के साथ ये सरासर धोखा है और सरकारी धन का दुरूपयोग है। उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने की बात कर रहे हैं और उनके अधिकारी सड़कों पर ऐसा डामर कर रहे हैं कि डामर दो माह भी नहीं टिक पा रहा है। श्री कर्नाटक ने कहा कि इस मामले में वे मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर इसके लिए जिम्मेदार जल निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग के साथ डामरीकरण की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग करेंगे।इसके साथ ही श्री कर्नाटक ने कहा कि सोमवार को उनका प्रदर्शन मात्र गहरी नींद में सोये हुए जल निगम विभाग के अधिकारियों को जगाने के लिए होगा।इसके बाद भी अधिकारी नहीं जागे तो वो जल निगम के अधीक्षण अभियन्ता के कार्यालय में वे अनिश्चितकाल के लिए आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी जल निगम के आला अधिकारियों की होगी।