मैं तुझसे पूछूं सुन प्रिय भाई कहे तो मुख रहा सुखाई

राम और लक्ष्मण की तीरों से हुआ रावण और मेघनाथ की पुतलों का दहन

सेक्टर सी महानगर रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के छठे दिन का शुभारंभ रावण के अपने भाई कुंभकरण के पास जाने और उसे अपने ऊपर आई विपत्ति बताने से प्रारंभ होता है रावण का भाई कुंभकरण सोया हुआ है रावण अपनी सेना के साथ पहुंचकर कुंभकरण को जबरदस्ती उठना है रावण को देखकर कुंभकरण पूछता है की भाई अचानक मुझे जागने का क्या कारण है और तेरा चेहरा क्यों सूखा हुआ है तब रावण बताता है कि कौशल पुरी की राजकुमार राम और लक्ष्मण ने अपनी वानर सेना के साथ लंका पर आक्रमण कर दिया है। क्योंकि मैंने उनकी पत्नी सीता का हरण कर लिया था।

तब कुंभकरण कहता है कि भल न कीन्हां निशिचर नाहा अब मुझे आए जगवहि कहा। आजहुं तात त्यागहुं अभिमाना । भजहू राम होहहिं कल्याणा। लेकिन मैं फिर भी भाई का आदेश मानकर युद्ध के लिए जाता हूं। फिर राम और कुंभकरण के बीच भीषण युद्ध होता है और कुंभकरण श्री राम के हाथों मर जाता है उसके बाद मेघनाथ लक्ष्मण का युद्ध होता है और अंत में राम रावण युद्ध होता है जिसमें रावण का अंत हो जाता है। इसके उपरांत भीषण आतिशबाजी के बीच रावण और मेघनाथ की पुतलों का दहन राम और लक्ष्मण की तीरों से होता है।

राम के अभिनय में यसी लोहुमी लक्ष्मण के अभिनय में फाल्गुनी लोहुमी,कुंभकरण के अभिनय में देवेंद्र मिश्रा मेघनाथ के अभिनय में मनीष उपाध्याय रावण के अभिनय में भास्कर जोशी हनुमान के अभिनय में महेंद्र पन्त और सुग्रीव के अभिनय में राजेश त्रिपाठी थे। संगीतकार के रूप में नीरज पन्त, दिवाकर राव, मृदुन्दन सनवाल किशोर कुमार एवं ललित भट्ट थे। श्री रामलीला समिति के महासचिव हेम पंत ने बताया कि 20 अक्टूबर को तिलपात्र एवं पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम प्रातः 10:00 बजे से प्रारंभ होगा।

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