भारत में उच्च शिक्षा को आकार देने में नियामक संस्थाओं की भूमिका विषय में सेमिनार आयोजित
राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा, अल्मोड़ा में दिनांक 19 अक्टूबर 2024 को शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा महाविद्यालय स्तरीय एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार का विषय था भारत में उच्च शिक्षा को आकार देने में नियामक संस्थाओं की भूमिका (द रोल ऑफ़ रेगुलेटरी बॉडीज इन शेपिंग हायर एजुकेशन इन इंडिया)| कार्यक्रम के संयोजक शिक्षा शास्त्र विभाग के प्राध्यापक हेमंत कुमार बिनवाल ने सर्वप्रथम सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया| तत्पश्चात सम्मानित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया गया | महाविद्यालय की छात्राओं विनीता नयाल, मानसी पांडे, दीपा, ज्योति, दीपा नयाल द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई| कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अतिथियों का बैच अलंकरण कर स्वागत किया गया | तत्पश्चात छात्राओं द्वारा दीपा बिष्ट , गीता फर्त्याल, दीपा, ममता चौहान द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया |
उच्च शिक्षा को आकार देने में नियामक संस्थाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण
उसके पश्चात प्रथम तकनीकी सत्र के प्रारंभ में सेमिनार के संयोजक विभागाध्यक्ष हेमन्त कुमार बिनवाल ने सेमिनार की रूपरेखा रखी रखी। अवगत कराया कि भारत में उच्च शिक्षा को आकार देने में नियामक संस्थाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। ये संस्थाएँ न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करती हैं, बल्कि उच्च शिक्षा प्रणाली को संगठित और सक्षम भी बनाती हैं। नियामक संस्थाएँ भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, पारदर्शिता, और विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनके प्रयासों से न केवल छात्रों को एक बेहतर शिक्षा अनुभव मिलता है, बल्कि यह समग्र रूप से देश की शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
प्रथम तकनीकी सत्र में छात्रा अनीता, पूजा रावत, कविता साह, मनीषा कनवाल, मीनाक्षी बिष्ट ने तथा द्वितीय तकनीकी सत्र में ज्योति बिष्ट, भावना आर्य, तारा बिष्ट, काजल सिजवाली, सुरभि कनवाल ने तथा तृतीय तकनीकी सत्र में गरिमा कनवाल, दिव्या गौरी पांडे, अंजलि टम्टा तथा हेमा टम्टा छात्राओं ने अपने विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया|
शोध कार्य में रुचि रखने की अत्यंत आवश्यकता
सेमीनार में विशि. अतिथि के रूप में विराजमान डॉ रेनु जोशी, हिन्दी विभाग द्वारा छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें शोध कार्य में रुचि रखने की अत्यंत आवश्यकता है, साथ ही शोध से संबंधित विभिन्न बारीकियां भी छात्राओं को अवगत करवायी |
सेमीनार की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० साधना पंत ने कहा कि इस प्रकार के अवसर छात्राओं में आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, छात्राओं को इस प्रकार के अवसरों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए तथा शोध कार्य की महत्ता को सीखना चाहिए, साथ ही शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार को प्राचार्य द्वारा सराहा गया |
इस अवसर पर उपस्थित जन
इस अवसर पर रेनू असगोला, डीएस नेगी,दीपक कुमार, गौरव सिंह बिष्ट, राहुल ढेला समेत तमाम छात्र छात्राएं उपस्थित थे | सेमिनार का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर हेमन्त कुमार बिनवाल द्वारा किया गया |