Shani Dev Mantra: शनि देव के मंत्र व स्तोत्र

Shani Dev Mantra: शनि देव के मंत्र व स्तोत्र

शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नानादि करें और काले रंग के साफ कपड़े पहनें. इसे साथ ही आप काले रंग से मिलते-जुलते रंग जैसे कि बैंगनी, ग्रे या स्लेटी रंग के कपड़े पहनें. आप किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करें और नीले रंग के फूल चढ़ाएं. कुश के आसान में बैठकर इन मंत्रों का जाप करें. इससे शनि देव शांत होते हैं और जीवन में सुख-संपत्ति आती है।

1. शनिदेव मूल मंत्र:

ॐ शं शनैश्चराय नमः॥

मंत्र का अर्थ:
सर्व कर्म फल देने वाले हे शनिदेव हमारे पाप कर्मों का नाश कर शुभ फल प्रदान करें हम आपको नमस्कार करते हैं।

मंत्र का लाभ:
इस मंत्र के जाप से भगवान शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातक को शनिदेव का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।

2. श्री शनिदेव ग्रह शांति मंत्र:

ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥

मंत्र का अर्थ:
जिनका शरीर नीले वर्ण का है, जो छाया और सूर्य के पुत्र हैं एवं जो यम के बड़े भाई हैं। ऐसे शनि महाराज को हम बारंबार नमस्कार करते हैं।

मंत्र का लाभ:
शनि देव के इस मंत्र के जाप से साढ़े सती का दोष दूर होता है। साढ़े साती से ग्रसित व्यक्ति को शनि महामंत्र का 23000 बार जाप करने से लाभ प्राप्त होता है।

3. शनिदेव गायत्री मंत्र:

ॐ काकध्वजाय विद्महे,
खड्गहस्ताय धीमहि, तन्नो मन्दः प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ:
कौआ जिनका वाहन है, जिनके हाथों में खड्ग है, जो विशेष बुद्धि के धारक हैं, मैं ऐसे शनिदेव का ध्यान करता हूं। वे मंद गति वाले शनि महाराज हमें अपनी शरण प्रदान करें।

मंत्र का लाभ:
श्री शनि गायत्री मंत्र के जाप से श्री शनिदेव जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आ रही तकलीफों से मुक्ति मिलती है।

भगवान शनिदेव के अन्य मंत्र

Other Mantra of Bhagwan Shani Dev

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।

सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः ।।

ॐ श्रीं श्रीं श्रृं शनैश्चाराय नमः।

ॐ हलृशं शनिदेवाय नमः।

ॐ एं हलू श्रीं शनैश्वाराय नमः।

ॐ मन्दाय नमः ।।

ॐ सूर्य पुत्राय नमः ।।

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