स्वतंत्रता दिवस पर आयुर्वेदिक विभाग द्वारा 500 औषधीय पौधों का किया गया रोपण
“स्वतंत्रता दिवस न केवल हमारे गौरवशाली इतिहास, कर्तव्यों और आने वाली पीड़ियों के लिए जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है। बल्कि यह हमें विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण और किसानों को मतत विकास के क्षेत्र में मिलकर कार्य करना चाहिए, ताकि भारत आत्मनिर्भर और सशक्त बने। इस आशय से आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं के आदेशानुपालन में 79 वां स्वतंत्रता दिवस पर 500 औषधीय पौधों का रोपण “मानसखण्ड विज्ञान केंद्र, स्यालीधार, अल्मोड़ा में संपत्र कराया गया।
आयुर्वेदिक विभाग का यह योगदान एक अच्छी पहल
पौधा रोपण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. नवीन चंद्र जोशी प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक मानगखंड विज्ञान केंद्र अल्मोड़ा द्वारा किया गया एवं उन्होंने इस अवसर पर कहा- आयुर्वेद विभाग द्वारा विज्ञान केंद्र को चुनना एवं विज्ञान के साथ मिलकर कार्य करना स्वास्थ्य एवं पर्यावरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड वैसे भी औषधीय का मुख्य क्षेत्र है साथ ही आयुर्वेदिक विभाग का यह योगदान एक अच्छी पहल है।
औषधीय पौधे हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अमूल्य धरोहर
कार्यक्रम जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मोहम्मद शाहिद के निर्देशन में हुआ। इस अवसर पर डॉ. मोहम्मद शाहिद ने कहा कि इन औषधीय पौधों का महत्व केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है; बल्कि औषधीय पौधों के प्रति लोगों में जागरुकता भी बढ़ेगी। “औषधीय पौधे हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अमूल्य धरोहर हैं। यह जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण शुद्धिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार के पौधारोपण अभियान भविष्य की पीड़ियों को स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण देने की दिशा में एक अहम कदम हैं।
इन औषधि पौधों का किया गया रोपण
पौधा रोपण में जटामासी, इसबगोल, बच, लेमनग्रास, अकरकरा, हल्दी, तुलसी, कुलंजन, ब्राह्मी, रोजमेरी, पुनर्नवा, बन हल्दी और शतावरी जैसी औषधि पादप प्रजातियां शामिल थीं, जिनका आयुर्वेद, यूनानी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में विशेष महत्व है।
सभी प्रतिभागियों ने लगाए गए पौधों की देखभाल और संरक्षण का संकल्प लिया
पौधारोपण कार्यक्रम में मानसखण्ड विज्ञान केंद्र के सभी कर्मचारी, आयुष विभाग से डॉ. गीता पुनेठा (बरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी), डॉ. अनुपमा त्यागी (चिकित्सा अधिकारी), श्री सत्येन्द्र मनी (जिला कार्यक्रम अधिकारी आयुष विभाग) सहित अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए। अभियान के अंत में सभी प्रतिभागियों ने लगाए गए पौधों की देखभाल और संरक्षण का संकल्प लिया।
