चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष में एसटीपी संचालन में कई खामियां पाई गई हैं।
मानकों के अनुसार नहीं की गई थी अर्थिंग
कुल 1 हजार 970 पन्नों की इस रिर्पोट में बताया गया है कि एसटीपी की विद्युत व्यवस्था के लिए किए गए अनुबंध, विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुरूप नहीं थे। साथ ही अर्थिंग भी मानकों के अनुसार नहीं की गई थी, जिससे करंट लोहे से बने स्ट्रक्चर में फैल गया। अनुबंध फर्म की ओर से किए गए कार्यों के अनुश्रवण और समीक्षा का अभाव एवं विद्युत विभाग और जल संस्थान के कार्मिकों के मध्य आपसी सामंजस्य का अभाव भी दुर्घटना का कारण बताया गया है।गौरतलब है कि 19 जुलाई को चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी में करंट दौड़ने से 16 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हो गए थे।