तीन साल में देशभर से 13 लाख से अधिक महिलाओं का लापता होना चिंताजनक है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनसीआरबी डेटा का हवाला देते हुए बताया है कि तीन साल में (2019-21) तक देशभर से 13 लाख से अधिक महिलाएं लापता हुई हैं।
एनसीआरबी के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आंकड़ा
एनसीआरबी के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, (NCRB) वेबसाइट के आंकड़े के आधार पर, 2019 में 82,619 लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली, जिनमें से 49,436 को बरामद किया गया, और 3,29,504 महिलाएं लापता थीं, जिनमें से 1,68,793 को बचाया गया। 2020 में, 79,233 लड़कियां और 3,44,422 महिलाएं लापता थीं, जिनमें से 2,24,043 महिलाओं को बचाया गया। एनसीआरबी के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 90,113 लड़कियां लापता हुईं और 58,980 बरामद हुईं, जबकि 3,75,058 महिलाएं लापता हुईं और 2,02,298 बरामद हुईं।
सबसे अधिक मध्य प्रदेश से महिलाएं और लड़कियां हुई गायब
गृह मंत्रालय ने संसद में यह जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश से इस दौरान 1 लाख 60 हज़ार महिलाएं और 38 हज़ार से अधिक लड़कियां ग़ायब हुई हैं। पश्चिम बंगाल से करीब 1 लाख 57 हज़ार महिलाएं और 36 हज़ार से अधिक लड़कियां लापता हुई हैं। महाराष्ट्र में, यह आंकड़ा 1,78,400 लापता महिलाओं और 13,033 लापता लड़कियों का था। ओडिशा में, 70,222 महिलाएं और 16,649 लड़कियां लापता हुईं, जबकि छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों के दौरान 49,116 महिलाएं और 10,817 लड़कियां लापता हुईं।केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली में लापता लड़कियों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी 2019 और 2021 के बीच कुल 83, 9731गायब हुई। ये संख्याएं स्थिति की गंभीरता को प्रदर्शित करती हैं।जम्मू और कश्मीर में आठ हजार 617 महिलाएं और एक हजार 148 लड़कियां गायब हुईं।
देश भर में महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए उठाए गए कई कदम
सरकार ने संसद को बताया है कि उसने देश भर में महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिनमें यौन अपराधों को रोकने के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 शामिल है। इसके अलावा, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 को 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार के लिए मौत की सजा सहित और भी अधिक कठोर दंड प्रावधानों को लागू करने के लिए अधिनियमित किया गया। बावजूद इसके देश में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा चिंताजनक है।