न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा रवि अरोड़ा की अदालत ने धारा 138 N I Act के मामले में अभियुक्त वीरेंद्र सिंह कार्की को 9.3 लाख अर्थदंड एवं 6 माह की सजा सुनाई।
जानें पूरा मामला
अभियोगी मंजुल मित्तल की ओर से माननीय न्यायालय मे एक अभियोग पत्र दाखिल किया था जिसमे कि अभियुक्त ने अपनी देनदारी के एवज मे अभियोगी को एक चेक दिया था , जो की खाते मे पर्याप्त धनराशि न होने की वजह से अनादरित हो गया था ,इस कारण से यह वाद माननीय न्यायलय में दाखिल किया गया था । अभियोगी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आजाद खान द्वारा मामले में प्रभावी पैरवी की तथा अपने पक्ष मे माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 10 न्याय निर्णयों मे दी गई विधि व्यवस्थाओ को पेश किया । न्यायालय द्वारा आरोपी को दोष सिद्ध करते हुए न्याय निर्णय दिनांक 28/08/2023 में आदेशित किया है कि अभियुक्त वीरेंद्र सिंह कार्की के विरुद्ध लगाये गये धारा 138 N I Act के आरोपों को अभियोगी पक्ष द्वारा संदेह से परे साबित किया है इस कारण से अभियुक्त को दोष सिद्धि के आदेश से दंडित किया जाता है।
छः माह की सजा सुनाई
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोगी के अधिवक्ता आजाद खान के द्वारा पेश दलीलों एवं पत्रावली मे उपलब्ध सबूतों के आधार पर दिनांक 28/08/2023 को न्याय निर्णय घोषित करते हुए अभियुक्त को दोष सिद्ध करार दिया है तथा धारा 138 N I Act के आरोपी अभियुक्त को 9.3 लाख अर्थदंड एवं 6 माह की सजा सुनाई ।