पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सी डब्ल्यू सी का दूसरी बार स्थाई सदस्य नियुक्त होने पर एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को आमन्त्रित सदस्य के रूप में कांग्रेस संगठन की सर्वोच्च कमेटी में स्थान मिलने पर शुभकामनाएं प्रेषित की।
दोनों नेताओं को कांग्रेस की सर्वोच्च कार्यसमिति में स्थान मिलने से उत्तराखंड का गौरव बढ़ा
पूर्व अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि दोनों नेताओं को कांग्रेस की सर्वोच्च कार्यसमिति में स्थान मिलने से उत्तराखंड का गौरव बढ़ा है।इससे निश्चित रूप से उत्तराखंड में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी जी की कर्मठता,सत्यता एवं निडरता का लाभ कांग्रेस संगठन को मिलेगा एवं कांग्रेस उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर अपना परचम लहराएगी। पूर्व अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ब्लाक प्रमुख से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की और भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तक के सफर को तय किया। कांग्रेस संगठन में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जैसे शीर्ष पदों पर वे रहे।उनकी कुशल कार्यशैली और राजनैतिक ज्ञान का लाभ अब निश्चित रूप से उत्तराखंड में कांग्रेस को मिलेगा जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा जब कांग्रेस संगठन उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों पर अपना परचम लहराएगी।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की अथाह ऊर्जाशक्ति का लाभ भी अब कांग्रेस संगठन को मिलेगा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की अथाह ऊर्जाशक्ति का लाभ भी अब कांग्रेस संगठन को मिलेगा।आगे पूर्व अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता आज महंगाई से त्रस्त है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं,सब्जियों,राशन,तेल,गैस सिलेंडर,दवाईयों के दाम आज इतने बढ़ गये हैं कि आम जनमानस के लिए अपने परिवार का पालन पोषण करना तक मुश्किल हो रहा है।युवा आज बेरोजगारी से त्रस्त है।जिसका जवाब उत्तराखंड की जनता सहित पूरे देश का जनमानस आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार को देगा। उन्होंने आगे कहा कि जनता को भी यह देखना चाहिए कि जहां पर जनता ने जो जनप्रतिनिधि चुने हैं वो अपनी विधानसभा/लोकसभा में विकास के कार्य कर रहे हैं या केवल मौनी बाबा बनकर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वेसर्वा होती है। परन्तु जनता को आवश्यक रूप से अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों का समय समय पर आंकलन भी करना चाहिए कि वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए कितने गंभीर हैं।