सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के नवनियुक्त कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुलपति पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभार ग्रहण करते हुए विश्वविद्यालय के उन्नयन को लेकर उन्होंने पत्रकारों से वार्ता की कर अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।
विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए प्राथमिकताओं को सप्तऋषि माॅडल नाम दिया
उन्होंने विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए प्राथमिकताओं को सप्तऋषि माॅडल नाम दिया। इन प्राथमिकताओं में विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट शोध एवं अकादमिक केंद्र के रूप में स्थापित करना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के व्यावहारिक क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं राज्य सरकार के शासनादेशों के समग्र अध्ययन के उपरांत छात्र केंद्रित पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाएगा, विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को डिजिटाइज करते हुए विश्वविद्यालय के कार्य पारदर्शिता एवं तत्परता से अधिनियमों एवं परिनियमों के अनुरूप निष्पादित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के परीक्षा ढांचे को सुधारते हुए छात्रों के परीक्षाफल एवं उपाधियों को तत्परता से उपलब्ध करवाया जाएगा। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) तथा एनआईआरएफ रैंकिग (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिग फ्रेम वर्क) में विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति को बेहतर करने हेतु इनोवेशन और इनक्यूबेशन की कार्य संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाएगा। छात्रों, कार्मिकों और शिक्षकों की मांगों एवं प्रोन्नति के लंबित प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। विश्वविद्यालय के परिसरों में शिक्षक एवं कार्मिकों के समायोजन के लंबित प्रक्रिया को शासन एवं उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ समन्वय स्थापित कर प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित किया जाएगा। परिसरों में भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को भी शीघ्रता से संपन्न कराया जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री जी के आशा के अनुरूप चंपावत परिसर को विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत एक दशक से भी अधिक समय से रिक्त शैक्षिक मिनिस्ट्रीरियल एवं तकनीकी कार्मिकों के पदों पर नियमित नियुक्ति कर विश्वविद्यालय में ऊर्जावान शिक्षकों एवं कार्मियों का संयोजन किया जाएगा।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को शोध, शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा
उन्होंने आगे कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को शोध, शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय की पहचान हो, इसके लिए भविष्य में सुनियोजित प्रयास किए जाएंगे। गुणवत्तापरक शिक्षा, विश्वविद्यालय में सूचना एवं प्रौद्योगिकी को दुरूस्त किया जाएगा, कार्यालयों को पेपरलैस बनाया जाएगा, भविष्य में होने वाली नैक विजिट के लिए तैयारिया एवं प्रयास किए जाएंगे, शिक्षकों के कैरियर एडवांसमेंट स्कीम की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा, शिक्षकों के समायोजन के लिए प्रयास किए जाएंगे, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के लिए मूलभूत संसाधनों को शिक्षक, कर्मी आदि के सहयोग से पूर्ण किया जाएगा।
कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट द्वारा सोबन सिंह जीना जी की मूर्ति पर किया गया माल्यार्पण
ज्ञातव्य है कि कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं बायो साइंस विभाग के संकायाध्यक्ष के रूप में तैनात थे। उन्होंने वहां आईक्यूएसी के निदेशक, रूसा के काॅर्डिनेटर, परीक्षा नियंत्रक आदि पदो पर कार्य किया है। गौरतलब है कि हिदी के वरिष्ठ आचार्य प्रो0 जगत सिंह बिष्ट विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाल रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय से संबंधित विविध जानकारियां दी।कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट द्वारा सोबन सिंह जीना जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। जिसमें संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने स्वागत किया।
कार्यभार ग्रहण के दौरान मौजूद रहे
कार्यभार ग्रहण के दौरान निर्वतमान कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, कुलसचिव डाॅ0 भाष्कर चैधरी, परीक्षा नियंत्रक डाॅ0 मुकेश सामंत, परिसर निदेशक प्रो0 प्रवीण सिंह बिष्ट, प्रो0 सुशील कुमार जोशी (पूर्व परीक्षा नियंत्रक), प्रो0 नीरज तिवारी (पूर्व परिसर निदेशक), डाॅ0 महेंद्र राणा, प्रो0 देवसिंह पोखरिया, प्रो0 इला साह (पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण),, प्रो0 देवसिंह पोखरिया, डाॅ0 ममता असवाल, प्रो0 भीमा मनराल (शिक्षा संकायाध्यक्ष), प्रो0 सोनू द्विवेदी (संकायाध्यक्ष, दृश्यकला संकाय), डाॅ0 नवीन भट्ट, विपिन जोशी (वैयक्तिक सहायक, कुलपति), प्रकाश सती, त्रिलोक सिंह बिष्ट, देवेंद पोखरिया, आनंद बिष्ट, गोविंद मेर, आलोक वर्मा, डाॅ0 हेमचंद्र दुबे, डाॅ0 हेमचंद्र पांडे, डाॅ0 धनी आर्या, डाॅ0 बलवंत कुमार आदि सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र मौजूद रहे।