जहां देशभर में गौवंश को बचाने की मुहिम लगी हुई है। वहीं अल्मोड़ा में ये मुहिम लगभग फेल होती नज़र आ रही है। जैसे कि गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। गाय को भारत देश में मां के रूप में जाना जाता है और देवताओं की तरह पूजा की जाती है बावजूद लोग केवल नारों और संदेश में ही इसको अपनाते नज़र आ रहे हैं ।
नगरपालिका और वन विभाग से मांगी मदद
साई बाबा जेल रोड के पास आने जाने वालों की अच्छी खासी भीड़ रहती है फिर भी एक घायल बैल की स्थिति पर किसी ने भी संज्ञान लेना उचित ना समझा। दरअसल पोखरखाली की जेल रोड के ऐपीएस टावर के सामने एक बैल की सोमवार से हालत दयनीय बनी हुई है । जिस पर डॉक्टर ललित चंद्र जोशी ने आज संज्ञान लेते हुए वन विभाग और नगरपालिका से बैल को उचित उपचार देने की मदद मांगी है। वन विभाग के वन दरोगा भुवन लाल को डॉ० योगी ने मोबाइल पर संपर्क किया किंतु उनका फ़ोन नहीं उठा। डॉ. ललित योगी ने वनाधिकारी, पशुपालन विभाग एवं नगरपालिका परिषद को इस घायल गौवंश के उपचार दिलाने की मदद मांगी है।
दयनीय स्थिति में मदद को बढ़ाए कदम
डॉक्टर ललित जोशी का कहना है कि देशभर में गौवंश को बचाने की मुहिम लगी हुई है और अल्मोड़ा में बैल की ऐसी दयनीय हालत हुई है और किसी ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया। उनका कहना है कि जानवरों की इस स्थिति में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए ।