अल्मोड़ा: कुछ छुट भैया नेता कर रहे उलजुलुल बेबुनियादी बयान बाजी, पूर्व अध्यक्ष ने नगर व्यापार मंडल को तोड़ने के आरोपों को किया खारिज

अल्मोड़ा नगर व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष संजय साह ‘रिक्खू’ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि व्यापार मंडल के कुछ छोटे भैया नेताओं के द्वार उलजुलुल बेबुनियादी बयान बाजी करके व्यापार मंडल को तोड़ने के आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि पूरे अल्मोड़ा के लोगों को पता है कि पिछले साल नंदा देवी मेले में व्यापार मंडल के उसी व्यापारी नेता द्वारा एडम्स स्कूल के मैदान में बाहरी व्यक्तियों द्वारा दुकान लगाने के बहाने को लेकर कहा कि अल्मोड़ा के व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है जिसका विरोध किया जायेगा और किसी भी बाहरी व्यक्ति को मेले में दुकान नहीं लगाने दी जाएगी। फिर क्यों उसके बाद संबंधित ठेकेदार को डरा धमका कर 25,000 रुपए नगद का एक झूला, एक डबल बेड और एक सोफा सेट किसने अपने घर पहुंचाया।

पूरी ताकत लगाने के बावजूद भी एडम्स स्कूल के मैदान में लगी दुकानें

इस बार के नंदा देवी मेले में भी व्यापारियों की कंधे में बंदूक रखकर उसी व्यापार मंडल के नेता द्वारा कहा गया कि अल्मोड़ा का व्यापार प्रभावित हो रहा है, एडम्स स्कूल के मैदान में बाहरी व्यक्तियों द्वारा दुकानें नहीं लगेगी। पूरी ताकत लगाने के बावजूद भी एडम्स स्कूल के मैदान में  दुकानें लगी। लेकिन इस बार का दबाव व्यापारी नेता के काम नहीं आ सका जिस गाड़ी कमाई के लिए वह दबाव बना रहे थे इस बार उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। इतने में भी उनकी भूख शांति नहीं हुई तो उसके बाद अल्मोड़ा महोत्सव में फिर व्यापारियों को आगे करके व्यापार प्रभावित हो रहा का बहाना बनाकर कुछ गाड़ी कमाई करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनकी मनोकामना इस बार पूरी नहीं हो पाई अगर एडम्स में दुकान लगाने से अल्मोड़ा के व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा था तो अल्मोड़ा महोत्सव में जीआईसी स्कूल के मैदान में बाहरी व्यक्तियों द्वारा दुकानें क्यों लगाई गई। क्या उन दुकानों को लगाने से अल्मोड़ा के व्यापारियों का व्यापार प्रभावित नहीं हो रहा था या मुझे लगता है कि यहां भी गुपचुप तरीके से जीआईसी मैदान में दुकानें अवंटिंत करने वाले ठेकेदार को डरा धमकाकर सेटिंग कर ली गई और अपने व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति कर ली गई हो।

व्यापार मंडल में किसी की भी गुंडागर्दी नहीं की जाएगी सहन

व्यापार मंडल में आज ऐसे भी पदाधिकारी हैं जिनकी अपनी कोई दुकान नहीं है लेकिन वह जिले में एक महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं चुनाव समिति में ऐसे लोग डाले गए हैं जिनकी दुकान नहीं है जिनका व्यापार से दूर-दूर तक का वास्ता नहीं है वो व्यापारियों की समस्याओं को क्या समझेंगे। व्यापार मंडल में किसी की भी गुंडागर्दी सहन नहीं की जाएगी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा आज व्यापार मंडल के नेता व्यापारी हितों की बात कर रहे हैं जबकि उनके कार्यकाल में ही मल्ला महल से कलेक्ट्रेट विकास भवन शिफ्ट हुआ उनकी दुकान के आगे से ही पिकअप में हर विभाग की फाइलें और अन्य सामान भर भर कर गया। उस वक्त व्यापार मंडल के ये सभी नेता कहा सोए हुए थे क्यों उसी समय से विरोध एवं धरना प्रदर्शन नहीं किया गया।

जिला प्रशासन की कठपुतली बनकर तमाशा देखते रहे व्यापार मंडल के नेता

स्थांतरण के पश्चात् विरोध के नाम पर सिर्फ अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए फोटो खींचना व्यापार मंडल नेताओं का कार्य नहीं होता है। व्यापार मंडल के नेता जिला प्रशासन की कठपुतली बनकर तमाशा देखते रहे और अल्मोड़ा नगर से कलेक्ट्रेट विकास भवन स्थांतरित हो गया। इन व्यापारी नेताओं की गैर जिम्मेदारी की वजह से ही आहत होकर ही मिठाई, रेस्टुरेंट, बारबर व्यापारीयों ने अपना एक अलग संगठन का निर्माण करना पड़ा।

  व्यापारिक इतिहास में  सबसे निराशाजनक व्यापार मंडल बना व्यापार मंडल

क्योंकि उस समय का व्यापार मंडल मात्र जिला प्रशासन की चापलूसी करने में व्यस्त था वह यह भी भूल गए थे कि वह किन के प्रतिनिधि हैं किन के सेवक हैं। पहला व्यापार मंडल मैंने ऐसे देखा जो कलेक्ट्रेट को स्थांतरित करने वाले उस समय के डीएम के ट्रांसफर रुकने में मिठाई वितरण करता है। व्यापारियों में चर्चा है की यह व्यापार मंडल आजतक के व्यापारिक इतिहास में  सबसे निराशाजनक व्यापार मंडल बना। जब व्यापार मंडल के चुनाव हो रहे थे तब व्यापारियों को झूठे प्रलोभन व वादे किए जिसे अब अल्मोड़ा का व्यापारी अच्छे से भली भाती समझ गया है। जब आज चुनाव नजदीक आ गए हैं तो अपनी खींच मिटाने के लिए सदस्यता अभियान के तहत व्यापारियों से मिलने का बहाना ढूंढा जा रहा है ।

मनमानी करने पर दिया जाएगा मुंह तोड़ जवाब

अगर अभी भी चुनाव समिति अपनी मनमानी करती रहेगी तो वह या ना समझे कि वह जो चाहे वह कर लेंगे उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी चुनाव समिति के मुख्य चुनाव अधिकारी की होगी। मेरे 12 साल के कार्यकाल में अगर कोई यह सिद्ध कर दे कि मेरे द्वारा किसी को डरा धमका कर अगर 1 रुपए की भी कमाई की गई तो मेरे व्यापारी जो मुझे डंड देंगे मुझे मंजूर है और अगर किसी व्यापारी नेता को यह गलतफहमी हो गई है कि वह व्यापार मंडल का सबसे बड़ा नेता है तो चुनाव में आ जाए चुनाव में व्यापारी दूध का दूध पानी का पानी कर देंगे।  अगर कुछ स्वयं भू कमांडर अपने आप को व्यापारियों का हितेषी समझ रहे हैं तो 4 साल में एक ऐसा कार्य बता दे  जो उन्होंने अपने कार्यकाल में व्यापारी हितों के लिए किया हो आज व्यापारी पूर्व के 6-7 साल के कार्यकाल को सबसे ज्यादा निराशाजनक कार्यकाल कह रहे हैं व्यापारी नेता अपने कार्यकाल में कुछ हफ्ते रविवार की मार्केट को बंद करने का काम किया और जब वहां से जो बाहर से आकर रविवार को दुकान खोलते हैं उनसे अपने व्यक्ति का स्वार्थ की पूर्ति कर ली जिसका जीता जागता उदाहरण आज हर रविवार को लगने वाला बाजार है। अगर रविवार बाजार से व्यापारी नेता ने कहा कि पक्की दुकानों में बैठे हुए व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है तो फिर पुनः उन्हें दुकान लगाने की अनुमति व्यापार मंडल ने क्यों प्रदान  की।

आखिर ऐसा दोहरा चरित्र क्यों?

व्यापार मंडल के कुछ नेता शुरुआत में अल्मोड़ा में लगने वाले मेलों में जो दुकानें लगती हैं व्यापारी को आगे करके व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा जैसे बहाने बनाकर उनको बंद करने का दबाव बनाते हैं और बाद में जब उनकी मन मर्जी पूरी हो जाती है तो उन दुकानों को मेले में खोलने की अनुमति उनके द्वारा प्रदान कर दी जाती है। आखिर ऐसा दोहरा चरित्र क्यों?

व्यापारियों की आवाज को प्रशासन के आगे करते रहूंगा बुलंद

अगर कोई अपने आप को व्यापारियों का बहुत बड़ा हितैषी समझ रहा है रैमजे स्कूल के प्रांगण में एक खुला मंच लगा ले वह भी अपने कार्यकाल की उपलब्धि गिना दे। और मैं भी अपने कार्यकाल की उपलब्धि बता दूंगा। मैं खुले मंच में यह चैलेंज करता हूं उनको अगर उन व्यापारी  नेताओं के द्वारा अपने कार्यकाल का एक ऐसा संघर्षमय कार्य व्यापारी हितों में किया हो तो मैं अपनी हार इस मंच में मान लूंगा। और जो दंड मेरे व्यापारियों द्वारा दिया जाएगा उसे में खुशी खुशी स्वीकार कर व्यापार मंडल की राजनीति से संन्यास ले लूंगा।  मैं पुनः उन व्यापारी नेताओं को चेतावनी दे रहा हूं जिन्होंने व्यापार मंडल को एक प्राइवेट पार्टी बनाकर रख दिया है उनकी यह मनमानी किसी भी सूरत हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी चाहे उसके लिए कोई भी रास्ता अपनाना पड़ेगा मैं अपनाऊंगा और पूर्व की भांति अपने व्यापारियों की आवाज को प्रशासन के आगे बुलंद करता रहूंगा।    
            

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