गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा उत्तराखण्ड़ लोक पर्व ’’हरेला’’ के अवसर पर संस्थान के सूर्य कुंज में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
हरेला की सामाजिक एवं धार्मिक महत्वता पर प्रकाश डाला गया
कार्यक्रम को प्रारम्भ करते हुए डा0 आई0डी0 भट्ट,, केन्द्र प्रमुख जैव विविधता एवं संरक्षण केन्द्र द्वारा संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल, समस्त वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं भारतीय स्टैट बैंक के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए लोक पर्व हरेला की सामाजिक एवं धार्मिक महत्वता पर प्रकाश डाला गया। डा0 भट्ट ने बताया कि गतवर्ष हरेला दिवस के उपलक्ष्य में ग्राम कटारमल में जनसहभागिता के द्वारा बहुमूल्य औषधीय पादपों का वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया था। इसी क्रम में आज हम सभी तिमुर (जैन्थोजाईलम आरेमेटम) के वृक्षारोपण हेतु एकत्रित हुए है। यह अत्यन्त लाभकारी औषधीय पादप है जिसका उपयोग विविध औषधीय उत्पादों को निर्मित करने हेतु किया जा रहा है। जिसके कारण इसका बाजार मूल्य एवं मांग काफी बढ़ने लगी है। अतः संस्थान इस लोक पर्व दिवस पर तिमुर सैन्चुरी को तैयार करने में अग्रसरित है।
यह पर्व हमारे सांस्कृतिक एवं धार्मिक परम्पराओं एवं रीतिरिवाजों का पूरक
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए लोक पर्व हरेला की शुभकामनायें दी। उन्होंने बताया कि यह पर्व हमारे सांस्कृतिक एवं धार्मिक परम्पराओं एवं रीतिरिवाजों का पूरक है। आज ही के दिन से संक्राति का शुभारम्भ होता है एवं आज संयोगवश सोमवती अमावस्या, सोमवार दोनो हरेला दिवस पर आये हैं। ऐसा संयोग बहुत कम मिलता है। उन्होने बताया कि राज्य के विविध समुदायों द्वारा हरेला दिवस से पूर्व सात या नौ अनाज को घरों में नौ दिन पूर्व बोया जाता है एवं आज के दिन प्रतिष्ठान के उपरान्त बड़े बुजुर्गों द्वारा आर्शीवाद स्वरूप दिया जाता है। प्रो0 नौटियाल ने जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र द्वारा संकटग्रस्त प्रजातियों तिमुर, किलमोड़ा, पटवा इत्यादि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये जा रहे विभिन्न शोध कार्यों की प्रशंसा करते हुए भविष्य हेतु शुभकामनाऐं प्रदान की तथा तिमुर सैन्चुरी के निर्माण हेतु निर्देशित किया।
100 से अधिक तिमुर प्रजाति का वृक्षारोपण सभी प्रतिभागियों द्वारा किया गया
भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधियों एम.सी. काण्डपाल, संतोष सिंह, एवं गौरव प्रसाद ने हरेला पर्व के अवसर पर संस्थान परिवार को शुभकामनाऐं देते हुए भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा की। एम0सी0 काण्डपाल ने बताया कि गतवर्ष भी संस्थान के सहयोग द्वारा विविध बहुमूल्य पादपों का वृक्षारोपण सूर्यकुंज में किया गया था जो की वर्तमान में सुरक्षित एवं वृद्धि कर रहे है। संस्थान सदैव प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु कार्य करता आ रहा है जो कि हमारे समाज एवं पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है। संतोष सिंह ने हरेला दिवस पर हम सभी को परम्परागत फसलों को संरक्षित करने एवं जीन बैंक बढ़ाने हेतु प्रयास्रित रहने पर जोर दिया। इसी क्रम में गौरव प्रसाद ने संस्थान के इन प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों की अपेक्षा की। कार्यक्रम का संचालन डा0 सतीश आर्या एवं डा0 सुबोध ऐरी द्वारा किया गया जिसमें 100 से अधिक तिमुर प्रजाति का वृक्षारोपण सभी प्रतिभागियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे
कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 जे0 सी0 कुनियाल, ई0 एम0एस0 लोधी, डा0 के0 एस0 कनवाल, डा0 शैलजा पुनेठा, डा0 आशीष पाण्डे, डा0 सुमित रॉय, डा0 कपिल केसरवानी, डा0 वैभव गोसावी, डा0 एस0 के0 राणा, श्री सजीष कुमार, श्री एल0 एम0 नेगी, श्री हीरा सिंह सहित संस्थान के समस्त शोधार्थी, प्रशासनिक एवं वित्त विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहें। हरेला पर्व के पावन अवसर पर ताकुला विकासखण्ड के ग्राम बामनीगाढ़ में जनसहयोग द्वारा बहुमूल्य पादपों का वृक्षारोपण किया गया। जिसमें संस्थान से श्री सौरभ मेहरा, श्री मुकेश रावत एव समस्त ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया।