अल्मोड़ा: आम जनता को अतिक्रमण का भय दिखाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा, लेकर पूर्व दर्जामंत्री कर्नाटक ने भेजा महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन

आज पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि उत्तराखण्ड सरकार के अधीन विभागीय अधिकारियों द्वारा पर्वतीय जनपद अल्मोडा में आम जनता को अतिक्रमण का भय दिखाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।उपर्युक्त विषयक आपके संज्ञान में लाना है कि उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोडा जनपद में जिस प्रकार से अतिक्रमण की तलवार जनता के ऊपर तानी जा रही है उस पर कड़ा आकोश व्यक्त करते हुये अनुरोध करना है कि कोरोना काल के बाद लोगों ने अपने जीवन को अब व्यवस्थित करना प्रारम्भ किया था।

अतिक्रमण के नाम पर एक नया सगूफा उत्तराखण्ड सरकार एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा आज जनता के सामने छोड़ा गया

अचानक अतिवृष्टि ने लोगों के घरों की दीवारों,मकानों,गौशाले आदि पर भारी नुकसान कर दिया उस आसमानी मार से भी लोग समलने का प्रयास कर रहे थे कि अतिक्रमण के नाम पर एक नया सगूफा उत्तराखण्ड सरकार एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा आज जनता के सामने छोड़ा गया है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से महामहिम से आग्रह किया कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखण्ड जिसकी देश की सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि नेपाल एवं चीन से इस राज्य की सीमायें लगी हुई हैं और सामरिक दृष्टि में इस पर्वतीय राज्य की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। वहीं दूसरी ओर इस राज्य के सुदूरवर्ती पर्वतीय जनपदों के लोगों का विश्वास डगमगा न जाय और इसका नुकसान हमारे राष्ट्र को न हो इसके लिये आपके संज्ञान में लाना है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन यहां के आम जनमानस के बृहद आन्दोलन के पश्चात हुआ जिसका मुख्य उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में विकास का न हो पाना महत्वपूर्ण था वहीं राज्य निर्माण के तेइस वर्ष के पश्चात भी इस पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड की समस्यायें पूर्व से अधिक बढ़ गयी हैं।राज्य के युवाओं में बेरोजगारी की दर अन्य राज्यों से बहुत अधिक है और जिसमें लगातार बढोत्तरी हो रही है आज युवा बेहतर शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी या तो नशे की ओर अग्रसर हो रहे हैं या अवसाद की ओर बढ़ रहे हैं।इस राज्य के नागरिकों को अभी भी पानी, बिजली,सडक,शिक्षा,स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिये लगातार सड़कों पर संघर्ष करना पडता है।कोरोना काल के पश्चात इस पर्वतीय क्षेत्र के लोग अपनी आजिविका को चला पाने में अभी भी सक्षक नहीं हैं और दो जून की रोटी मुहैया करा पाने में असमर्थ हैं साथ ही कोरोना काल में इस पर्वतीय क्षेत्र के व्यापारियों का व्यापार पूर्णतया ठप्प पड गया था।राज्य का युवा आज हताश व निराश है।जो युवा इस देश की सीमाओं में सजग प्रहरी के रूप में खड़ा रहता था आज वह भटकाव के मार्ग की ओर बढ़ रहा है।पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को जो राष्ट्र के लिये अपने प्राणों की आहुति देते हैं को भटकाव के मार्ग में जाने से रोका जाना आवश्यक है।महामहिम अब एक नयी समस्या ने इस पर्वतीय क्षेत्र के आम जनमानस में भय पैदा कर दिया है।यह भय अतिक्रमण रूपी उस समस्या का है जिसमें व्यक्ति की जीवन भर की कमाई द्वारा निर्मित मकान एवं परिवार के पालन पोषण हेतु किये जा रहे छोटे-छोटे व्यवसाय के लुटने से है। महोदय के संज्ञान में लाना है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आम जनता के उत्पीडन हेतु एक नया आदेश लागू कर दिया गया है जिसमें अतिक्रमण के नाम पर उनके भवनों,दुकानों आदि को हटाने के आदेश निर्गत किये गये हैं।साथ ही सम्बन्धित विभागों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय का हवाला देकर लोगों को डराया व धमकाया जा रहा है और तत्काल प्रभाव से पर्वतीय क्षेत्र के पुराने शहरों,कस्बों,गांवों में मकानों,दुकानों को अतिक्रमण के नाम पर हटाने के लिये दबाव बनाया जा रहा है जिसका कोई मानक भी निर्धारित नहीं किया गया है और जनता को विश्वास में लिये जाने हेतु उनके साथ कोई जन संवाद भी नहीं किया गया।

पर्वतीय जनपद अल्मोड़ा के समस्त मार्गो जो राज्य एवं केन्द्र सरकार के अधीन हैं

अतः आपसे आम जनता की ओर से निवेदन है कि इस पर्वतीय जनपद अल्मोड़ा के समस्त मार्गो जो राज्य एवं केन्द्र सरकार के अधीन हैं जिनमें स्थानीय लोगों को अतिक्रमण के नाम पर धमकाया जा रहा है इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश निर्गत करवाने की कृपा करें ताकि आम जनमानस को सरकारों के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही जिसमें उग्र जन आन्दोलन अथवा उत्पीड़न के कारण अपने जीवन को समाप्त किये जाने जैसे फैसले लेने के लिये मजबूर न होना पड़े।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *