अल्मोड़ा : सुविधाओं के अभाव की मार झेल रहा अल्मोड़ा का ये गांव, गाड़ी की जगह डोली बन रही सहारा

विकास खंड भैसियाछाना के ग्राम पंचायत नौगांव के स्थित ग्राम रीम की 85 साल की बचुली देवी लंबे समय से बीमार है। काफी कमजोरी के कारण कल छ: बजे सीढ़ी से अचानक गिर गई। बता दें कि उनके बड़ा बेटा प्रताप सिंह दीपावली की पूजा की तैयारी कर रहे थे तभी उन्होंने देखा सीढ़ी से गिरकर मां सिर ख़ून से लथपथ पड़ी हुई हैं।  सड़क व यातायात के अभाव के कारण बड़े बेटे प्रताप सिंह नेगी ने खून बंद करने के लिए देशी तौर पर दवाई लगाई।

अस्पताल पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेना पड़ा

सुबह डोली के सहारे प्रताप सिंह नेगी पुत्र,भतीजा महिपाल सिंह नेगी, भतीजा,आंनद सिंह नेगी,भतीजा,रघुबर सिंह आदि लोगों के द्वारा बचुली देवी को ग्राम रीम,से कनारीछीना निकटतम अस्पताल पहुंचाने के लिए डोली का सहारा लेना पड़ा। इस रास्ते डोली के साथ कई बुजुर्ग महिला व कोई गर्भवती महिलाओं को ले जाना जान पर जोखिम उठाने के बराबर है। चार पांच सालों से कनारीछीना बिनूक पतलचौरा सड़क मार्ग अभी तक कागजों में ही चल रहें है।

शासन प्रशासन की अनदेखी से आज भी इस सड़क मार्ग निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ

शासन प्रशासन की अनदेखी से आज भी इस सड़क मार्ग निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ । कनारीछीना से पतलचौरा गांव, रीमा, पिपल खेत,बिनूक आदि गांवों से किसी गर्भवती महिलाओं को बड़े बुजुर्गो निकटतम मार्केट कनारीछीना लाते हैं तो दो से तीन किलोमीटर चढ़ाई व ढलान से डोली ले जाना पड़ता है।

डोली के सहारे ग्रामीण लोगों का अपने निकटतम मार्केट में जाने के अलावा कोई संसाधन नहीं

यहाँ डोली के सहारे ग्रामीण लोगों का अपने निकटतम मार्केट में जाने के अलावा कोई संसाधन नहीं है।, प्रताप सिंह नेगी समाजसेवी ने बताया कि उत्तराखंड पृथक राज्य तो हुआ लेकिन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों व ग्रामीण क्षेत्रों में आज लोग आज़ाद नहीं है। डोली व खच्चरों के सहारे अपने दिनचर्या व अपने  बीमार बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को डोली के सहारे निकटतम मार्केट तक पहुंचाने में मदद करते हैं।

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