अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक को लोक ऐपण कला के माध्यम से नई पह चान दे रही वैशाली

उत्तराखंड की सांस्कृतिक को लोक ऐपण कला के माध्यम से नया रूप दे रही हैं वैशाली। अल्मोड़ा के शैल पाताल देवी की निवासी वैशाली आर्य ने जीजीआईसी एनटीडी से 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है तत्पश्चात एसएसजे परिसर अल्मोड़ा से स्नातक किया और अभी वह समाजशास्त्र विषय से एमए कर रही हैं।

बचपन से ही लोक ऐपण कला का कार्य करती है वैशाली

वैशाली ने बताया की बचपन से ही वह लोक ऐपण कला का कार्य करती हैं लेकिन उन्हें ऐपण की बारीकियां उनकी शिक्षिका हेमलता वर्मा द्वारा सिखाई गई। वैशाली के पिता घनश्याम प्रसाद पीआरडी में कार्य करते हैं और माता जानकी देवी ग्रहणी हैं। जिसके बाद अब वैशाली हमारे उत्तराखंड की सांस्कृतिक व धार्मिक चीजों को लेकर लोक ऐपण कला को एक नया रूप दे रही है।

ऐपण एक साधारण कला, या रंगोली न होकर एक आध्यात्मिक कार्यो में योगदान देने वाली महत्वपूर्ण कला है

ऐपण कला उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की विशिष्ट पहचान है। ऐपण कला उत्तराखंड की पुरानी और पौराणिक कला है। ऐपण कला के माध्यम से देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है, या यूं कह सकते हैं, कि ऐपण में रेखांकित किये गए चित्र, सकारात्मक शक्तियों के आवाहन के लिए बनाए जाते हैं। उत्तराखंड के कुमाउनी संस्कृति में, अलग अलग मंगलकार्यो, और देवपूजन हेतु, अलग अलग प्रकार के ऐपण बनाये जाते हैं। जिससे यह सिद्ध होता है,कि ऐपण एक साधारण कला, या रंगोली न होकर एक आध्यात्मिक कार्यो में योगदान देने वाली महत्वपूर्ण कला है।

पिछड़ते जा रही संस्कृति

वैशाली का कहना है कि भविष्य में लोक ऐपण कला जो की हमारे कुमाऊँ की संस्कृति है वह कहीं ना कहीं पिछड़ती जा रही है उसको एक नया रूप देने के साथ-साथ देश विदेशों तक हमारे पहाड़ की संस्कृति को पहुंचाना उनका लक्ष्य रहेगा। वैशाली स्कूल समय से ही ऐपण कला की शौकीन रही है और अब वह ऐपण को रोजगार से जोड़कर देख रही हैं और उन्होंने बताया की उन्हें कई ऑर्डर भी आ रहे हैं। वैशाली का मानना है की आज के युवाओं को कलाक्षेत्र से जुड़ना चाहिए व हमारी संस्कृति को पहचानना चाहिए। उन्होंने आगे कहा की बढ़ते पलायन को देखकर दुःख होता है परंतु यदि हम मेहनत करें तो हम अपना बेहतर भविष्य इसी क्षेत्र में बना सकते हैं।

ईमेल आईडी के जरिए कर सकते हैं संपर्क

वैशाली ने ऐपण में लक्ष्मी चौकी, कुसन कवर, गणेश चौकी, लोटे, थालिया, फ्लैग्स और माता की चौकी इत्यादि अन्य सुंदर-सुंदर ऐपण बनाए हैं। वैशाली का कहना है की उन्होंने अभी बस शुरुआत की है वो अपने इस कार्य को बहुत आगे तक लेकर जाना चाहती हैं।
अगर आपको ये सभी ऐपण पसंद आए है तो आप वैशाली आर्या से संपर्क कर सकते है।
Email ID – varya9825@gmail.com

YouTube – https://youtu.be/1p-qJu8ypQk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *