प्राण ऊर्जा केवल जीवन काल तक ही सीमित नहीं रहती- योगेश गहतोड़ी

प्राण ऊर्जा केवल जीवन काल तक ही सीमित नहीं रहती- योगेश गहतोड़ी भावपल्लवन श्लोक:- धनञ्जयो मृते देहे स्थित्वा देहं न…

“नदियां हत्यारन कैसे हुई?” – डा. ललित योगी की लिखी कविता

नदियां हत्यारन कैसे हुई? नदियां नहीं उजाड़ती आशियाने!नदियों के मुहाने-किनारे पर।उगे हुए ईंट कंकड़ों के जंगल,रोकते हैं नदियों के वेग…

ता छुमा का छुम: एसएसजेयू के शिक्षक डा. योगी का लिखा व रंगकर्मी ममता वाणी भट्ट का निर्देशित गीत यूट्यूब पर रिलीज़

ता छुमा का छुम: एसएसजेयू के शिक्षक डा. योगी योगी का लिखा व रंगकर्मी ममता वाणी भट्ट का निर्देशित गीत…