चैत्र एकादशी 2025 Chaitra ekadashi: चैत्र एकादशी, जानिए दोनों एकादशी व्रत की तिथि और धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। चैत्र माह में दो एकादशी व्रत होते हैं, जिनका अलग-अलग महत्व है। इस बार पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च 2025 को सुबह 5 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 26 मार्च को रात 3 बजकर 45 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है, इसलिए 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
कामदा एकादशी कब मनाई जाएगी?
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी 7 अप्रैल 2025 को रात 8 बजे से शुरू होगी, और इसका समापन 8 अप्रैल 2025 को रात 9 बजकर 12 मिनट पर होगा। इस हिसाब से 8 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी।
चैत्र एकादशी पूजा विधि
चैत्र एकादशी के दिन पूजा विधि इस प्रकार है:
सबसे पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
भगवान विष्णु की प्रतिमा को एक वेदी पर स्थापित करें।
उन्हें फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और वैदिक मंत्रों का जाप करें।
एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
दिन भर उपवास रखें, यदि उपवास संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।
शाम को भगवान विष्णु की पूजा और आरती करें, प्रसाद का सेवन करें और अन्य लोगों में बांटें।
एकादशी के अगले दिन व्रत का पारण करें।
इस दिन चावल का सेवन करने से बचें।
इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचें।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
चैत्र एकादशी व्रत का धार्मिक महत्व
एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का अवसर देता है। माना जाता है कि एकादशी व्रत के प्रभाव से साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यह व्रत शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।