मां नंदा-सुनंदा की भव्य शोभा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, मांगलिक गीतों से समूचा वातावरण हुआ भक्तिमय

मां नंदा-सुनंदा की भव्य शोभा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, मांगलिक गीतों से समूचा वातावरण हुआ भक्तिमय

आज सुप्रसिद्ध मां नंदादेवी मेले का भव्य शोभा यात्रा के साथ समापन हो गया है। इस दौरान भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा। । मां नंदा-सुनंदा को बेटियों की तरह सजाकर नंदादेवी से विदा किया गया। मां को विदा करते समय बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ आई।

बड़ी संख्या में पहुंचे भक्त

भारी बारिश के बीच भी मां की एक झलक पाने को बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। डोला उठते ही श्रद्धालुओं ने मन आंखों से मां नंदा-सुनंदा को विदाई दी। देर शाम दुगालखोला में मूर्ति विसर्जित की। सात दिनों तक चले मां नंदादेवी मेले में शुक्रवार को जैसे ही नंदादेवी मंदिर से मां नंदा-सुनंदा की डोली को विदा करने के लिए शोभा यात्रा शुरू की गई तो पूरा नंदादेवी मंदिर परिसर भारी भीड़ से खचाखच भर गया। मां नंदादेवी मंदिर में शोभा यात्रा पूरा एक चक्कर घूमाने के बाद विदा की गई। यहां से शोभा यात्रा बसंल गली, शिखर तिराहा से माल रोड होते हुए मुख्य बाजार में पहुंची। लोहे शेर, कचहरी बाजार, थाना बाजार, पलटन बाजार, सिद्धनौला से कैंट होते हुए दुगालखोला में शोभा यात्रा पहुंची। जगह-जगह पर मां नंदा-सुनंदा के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।

पुष्प वर्षा कर मनचाहे वरदान की कामना

महिलाओं ने छतों से शोभा यात्रा पर अक्षत व पुष्प वर्षा कर मनचाहे वरदान की कामना की। शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने मां नंदा-सुनंदा की शक्ति का बखान कर जयकारे लगाए। शोभा यात्रा में शामिल महिलाओं कई मांगलिक गीतों का गायक कर समूचे वातावरण को भक्तिमय कर दिया।

मंदिर की सीढ़ियों के पास दी गई भूज की बलि

मान्यता के अनुसार पहले नंदादेवी मेले के अंतिम दिन मंदिर में भैंसे की बली दी जाती थी। बाद में कोर्ट के आदेश के बाद बलि प्रथा को समाप्त किया गया। इसकी जगह अब भूज की बलि देकर रस्म निभाई जाती है। इसी तरह इस बार शोभा यात्रा से पूर्व नंदादेवी मंदिर में सीढ़ियों के पास मान्यता के अनुसार भूज की बलि दी गई।

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