शरीर में होता है झनझनाहट का अनुभव, हो सकती है विटामिन बी 6की कमी
विटामिन बी 6 हमारे शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से शरीर की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके अभाव में विभिन्न लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे कि खून की कमी, हाथ-पैरों में झनझनाहट, चकत्ते और ग्लोसिटिस (जीभ की सूजन)। विटामिन बी 6, जिसे पाइरिडोक्सिन के नाम से भी जाना जाता है, न केवल न्यूरोट्रांसमीटर के संश्लेषण में सहायक है बल्कि हीमोग्लोबिन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हार्मोनल संतुलन और इम्यूनिटी को बनाए रखने में सहायक है। अत्यधिक जंक और फास्ट फूड, तेल, नमक और सोडियम का सेवन भी इस विटामिन की कमी का कारण बन सकता है, जिससे शरीर में झनझनाहट का अनुभव हो सकता है।
विटामिन बी 6 की कमी दूर करने के उपाय
फल और सब्जियां: अपनी दैनिक आहार में केला, एवोकाडो और आलू को शामिल करें। इसके साथ ही पत्तेदार सब्जियां और खट्टे फल भी विटामिन बी 6 के अच्छे स्रोत हैं।
साबुत अनाज: ब्राउन राइस, क्विनोआ और ओट्स जैसे साबुत अनाज का सेवन करें। ये न केवल फाइबर से भरपूर होते हैं, बल्कि आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति भी करते हैं।
प्रोटीन स्रोत : चिकन और मछली जैसे दुबले मांस विटामिन बी 6 के उत्कृष्ट स्रोत हैं। शाकाहारियों के लिए छोले, दाल और नट्स जैसे बादाम और अखरोट इसके अच्छे विकल्प हैं।
डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन बी 6 की पूर्ति का एक और उत्कृष्ट माध्यम हैं।
विटामिन बी 6 की कमी से बचने के उपाय
शराब का सेवन सीमित करें : शराब के अधिक सेवन से शरीर में विटामिन बी 6 का अवशोषण बाधित हो सकता है और इसकी आवश्यकता बढ़ सकती है।
संतुलित आहार लें: अन्य बी विटामिन्स की कमी से बचने के लिए संतुलित और विविध आहार का सेवन करें, जिससे बी 6 की कमी के लक्षण नियंत्रित रह सकें।
विटामिन बी 6 की कमी के संभावित लक्षण
– त्वचा पर चकत्ते, सूजन या लाल, चिकने दाने
– हाथ-पैर में सुन्नपन या चुभन
– जीभ में छाले या लालिमा
– मुंह के कोनों में दरारें
– भ्रम की स्थिति या चिड़चिड़ापन
– मिर्गी के दौरे
विटामिन बी 6 की कमी के इन लक्षणों से बचने के लिए अपने आहार में आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।