राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय आशाओं को दोषी ठहरा रही है-कमला कुंजवाल

राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय आशाओं को दोषी ठहरा रही है-कमला कुंजवाल

एक तो आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा कुछ भी नहीं मिलता और काम के बोझ को लगातार बढ़ाया जा रहा है, सरकारी अस्पतालों में सरकार डॉक्टर, जांच की सुविधा नहीं दे रही है दूसरी ओर डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों में भर्ती कराने वाली आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने का आदेश जारी किया जा रहा है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय आशाओं को दोषी ठहरा रही है। यह बात ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से 

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं का विभाग में कोई भी सम्मान नहीं

उन्होंने कहा है कि उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं का विभाग में कोई भी सम्मान नहीं है और न ही वेतन। आशाएं विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में बिना किसी न्यूनतम वेतन और कर्मचारी के दर्जे के लगा दी गई हैं। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है। आशाओं को उनके काम के अनुरूप पैसा मिलना तो दूर वादा किया गया पैसा भी नहीं मिल रहा है। आशाओं की लगातार ट्रेनिंग चलती रहती हैं लेकिन ट्रेनिंग में दिया जाने वाला पैसा इतना भी नहीं होता कि दूर दराज से आने वाली आशाएं अपना किराया भाड़ा भी दे सकें। आशाओं को मिलने वाला विभिन्न मदों का प्रति माह मिलने वाला पैसा छह छह माह तक नहीं मिल रहा है जिसके कारण आशाएं बहुत दिक्कतों का सामना कर रही हैं। इस सबके साथ साथ अस्पताल स्टाफ का व्यवहार आशाओं के प्रति आम तौर पर बेहद अपमानजनक होता है। साथ ही आशाओं को हर जगह प्रताड़ित होना पड़ता है सरकारी नियम है कि आशा वर्कर्स को सरकारी अस्पताल में ही डिलीवरी करानी होगी। परन्तु कई बार सरकारी अस्पताल में डॉक्टर गंभीर स्थिति में प्राइवेट या अन्य जगह दिखाने के लिए बोलते हैं। और जब आशा प्राइवेट में जाती ही तो उनके खिलाफ जांच बिठा दी जाती है। ये बंद होना चाहिए। इस तरह के आदेश वापस लिए जाने चाहिए अन्यथा यूनियन के पास आंदोलन के अतिरिक्त कोई विकल्प शेष नहीं रहेगा।

सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति की जाय

यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने मांग की कि, प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति की जाय, गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड व सभी जांचों की व्यवस्था की जाए, गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के लिए जरूरी दवाइयों, विटामिन की भारी कमी को दूर किया जाए।

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