आओ हम सब योग करें,अभियान को लेकर योग विज्ञान विभाग, एसएसजे विश्वविद्यालय,में विशेष बैठक आयोजित

आओ हम सब योग करें,अभियान को लेकर योग विज्ञान विभाग, एसएसजे विश्वविद्यालय,में विशेष बैठक आयोजित

योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में आगामी “आओ हम सब योग करें” जन-जागरूकता अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट, सहायक प्राध्यापक डॉ. लल्लन कुमार सिंह तथा डॉ. गिरीश अधिकारी, डॉ रजनीश जोशी, सीता राम , हेमलता अवस्थी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे योग का लाभ

इस अवसर पर विभाग के छात्र-छात्राओं को अभियान की योजना, उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य 21 मई से 21 जून 2025 तक चलने वाले एक माह के विशेष योग शिविरों के आयोजन को सुचारु रूप से संपन्न कराने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश देना था। विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक छात्र एवं छात्रा अपने-अपने गांवों या निकटवर्ती क्षेत्रों में जाकर निशुल्क योग शिविरों का संचालन करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक योग का लाभ पहुंच सके।

देश के कई कोनों में पहुंच चुका योग अभियान

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. नवीन भट्ट ने कहा, “योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा विगत कई वर्षों से ‘आओ हम सब योग करें’ अभियान के अंतर्गत ग्राम्य भारत में निःशुल्क योग शिविरों का सफल आयोजन करता आ रहा है। छात्रों के माध्यम से यह अभियान राज्य की सीमाओं को लांघते हुए देश के कई कोनों में पहुंच चुका है।”डॉ. भट्ट ने यह भी बताया कि यह पहल माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के विशेष आह्वान पर आयोजित की जा रही है, जिनका स्पष्ट संदेश है कि “योग को हर व्यक्ति की दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाया जाए।” मुख्यमंत्री जी द्वारा यह संदेश इस बात का संकेत है कि उत्तराखंड न केवल योग की भूमि है, बल्कि वैश्विक योग चेतना का भी केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
इस अभियान में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को न केवल योग शिक्षण का वास्तविक अनुभव मिलेगा, बल्कि वे समाज में स्वास्थ्य और मानसिक सशक्तिकरण की जागरूकता फैलाने के एक बड़े दायित्व को भी निभाएंगे। शिविरों में आसनों, प्राणायाम, ध्यान एवं योग जीवनशैली पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

डॉ. गिरीश सिंह अधिकारी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि, “एक योग प्रशिक्षक का सबसे बड़ा योगदान तभी है जब वह समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके। यह अभियान आपको वह अवसर देता है।” डॉ. गिरीश अधिकारी ने भी छात्रों को शिविर आयोजन की तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।यह अभियान 21 जून को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की ओर बढ़ता एक महत्वपूर्ण कदम है। इन एक माह चलने वाले शिविरों के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाकर इस दिवस को एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है। विभाग का यह प्रयास न केवल योग के वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक पक्ष को उजागर करता है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।बैठक का समापन विभागाध्यक्ष द्वारा सभी छात्रों से यह संकल्प दिलाकर किया गया कि वे योग के प्रचार-प्रसार हेतु निरंतर कार्यरत रहेंगे और इस अभियान को केवल एक कार्यक्रम न मानकर जनसेवा के रूप में अपनाएंगे।
यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा न केवल अकादमिक उत्कृष्टता में अग्रणी है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और राष्ट्रीय चेतना के विकास में भी अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।

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