तीन सूत्रीय मांगों के संबंध में लिया जाए शीघ्र निर्णय, गुरिल्लाओं ने की मांग
आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में गुरिल्ला संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल,प्रसाद भट्ट और प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश,प्रसाद गेरोला एवं प्रदेश सह मीडिया प्रभारी महावीर,सिंह रावत ने सरकार से मांग की है कि गुरिल्लाओँ के लंबे आंदोलन और उनके प्रशिक्षण और देशभक्ति की भावना को देखते हुए उनकी तीन सूत्रीय मांगों के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाए।
और अधिक विलंब से लिए गए निर्णय से गुरिल्लाओं में रोष व्याप्त
अब और अधिक विलंब से लिए गए निर्णय से गुरिल्लाओं में रोष व्याप्त हो रहा है ऐसे में सरकार को दृढ़ इच्छा शक्ति तथा सहानुभूति को देखते हुए ठोस पहल करनी होगी जबकि गुरिल्लाओं के संबंध में राज्य सरकार कई बार पूर्व के शासनादेशों के अनुपालन के संबंधित विभागों को कड़े निर्देश देने चाहिए। सरकार द्वारा गुरिल्लाओँ को कई बार आश्वासन के अनुरूप शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो गुरिल्ला फिर पुनः नवंम्बर माह के लास्ट सप्ताह या दिसंबर माह के फस्ट सप्ताह में देहरादून में सी.एम. आवास घेराव करने पर बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी क्योंकि सरकार गुरिल्लाओँ के साथ कई बार छल कर रही है और सिर्फ झूठा आश्वासन दे रही है जबकि 29 दिसंबर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री जी एवं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जी ने विभिन्न विभागों के सचिव एवं उच्च अधिकारियों को गुरिल्लाओं के समायोजन कर अपने-अपने विभागों से रिक्तिकाओं की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे परंतु 8 या 9 माह बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।
तमाम विभागों द्वारा अनुपालन आख्या नहीं की गई प्रेषित
उसके बाद फिर गुरिल्लाओं ने 2 सितंबर 2024 को माननीय मुख्यमंत्री आवास घेराव का निर्णय लिया था किंतु शासन से वार्ता का न्योता आने पर संगठन के प्रतिनिधिमंडल आदरणीय विशेष सचिव उत्तराखंड शासन रिद्धिमा अग्रवाल से वार्ता हुई थी जिसमें विशेष सचिव महोदय द्वारा तमाम विभागों से विस्तृत आख्या/अनुपालन आख्या अभिलंब मांगी गई थी लेकिन आज तक तमाम विभागों द्वारा अनुपालन आख्या नहीं प्रेषित की गई है। जो की अत्यधिक पीड़ा दायक है जो की प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन बेहद लापरवाही या जानबूझकर देशभक्त गुरिल्लाओं के मामले को लटकाया जा रहा है जिस कारण संगठन में काफी रोष व्याप्त है यदि सरकार ने एक माह के अंदर गुरिल्लाओं के प्रति ठोस निर्णय नहीं लिया तो गुरिल्ला फिर नवंबर माह के आखिरी सप्ताह या दिसंबर माह में देहरादून सी.एम. आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा।