मैरी कॉम ने पेरिस ओलंपिक में अभियान प्रमुख पद से इन कारणों से दिया इस्तीफा
पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले भारतीय दल को बड़ा झटका लगा है। भारत की दिग्गज मुक्केबाज और छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने पेरिस ओलंपिक से पहले इस बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के दल के प्रमुख (शेफ डी मिशन) के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने 21 मार्च को शेफ डी मिशन नियुक्त किया था। मैरी कॉम ने पद से हटने के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है और कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
जिम्मेदारी से मुक्त करने को कहा
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि मैरी कॉम ने उन्हें पत्र लिखकर इस जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए कहा है। मैरी कॉम ने उषा को लिखे पत्र में कहा- देश की किसी भी रूप में सेवा करना गर्व की बात है और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी, लेकिन मुझे खेद है कि मैं यह जिम्मेदारी नहीं उठा सकूंगी। मैं निजी कारणों से पीछे हट रही हूं।
41 साल की मैरी कॉम ने कहा, ‘इस तरह से पीछे हटने से शर्मिंदा हूं क्योंकि मैं ऐसा करती नहीं हूं, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मैं ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे अपने खिलाड़ियों की हमेशा हौसलाअफजाई करती रहूंगी।’
‘उनकी निजता का सम्मान’
लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेत मैरी कॉम 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक खेलों में भारतीय दल की अभियान प्रमुख होतीं। उषा ने अपने बयान में कहा, ‘हमें दुख है कि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज और IOA एथलीट आयोग की प्रमुख मैरी कॉम निजी कारणों से पद से हट गई हैं। हम उनके फैसले और निजता का सम्मान करते हैं। उनके विकल्प के बारे में घोषणा जल्दी ही की जाएगी।’
पीटी उषा ने कहा, ‘मैं उनके अनुरोध को समझती हूं और उनके फैसले का सम्मान करती हूं। मैंने उनसे कहा है कि IOA और मेरा सहयोग हमेशा उनके साथ है। मैं सभी से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती हूं।’
मैरीकॉम ने बनाए कई रिकॉर्ड्स
मैरीकॉम बॉक्सिंग इतिहास में छह बार वर्ल्ड चैम्पियन बनने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं। उन्होंने लंदन 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था ।वो पांच बार की एशियन चैम्पियन रही हैं. 2014 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज थीं। वहीं 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं।
ग्रामीण मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के मोइरांग लमखाई के कागथेई गांव में जन्मीं मैरी कॉम का पूरा नाम मंगते चुंगनेइजैंग मैरी कॉम है। मैरीकॉम की शादी फुटबॉलर करुंग ओन्खोलर (ओनलर) से हुई है। 2012 ओलंपिक मेडल जीतने के बाद मैरीकॉम ने अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया, इसके बाद वो एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं। इसके बाद उन्होंने अपनी वापसी की, पर दिल्ली में आयोजित 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की। एक साल बाद, उसने अपना आठवां वर्ल्ड मेडल पदक जीता, जो किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज द्वारा सबसे अधिक था।
मैरीकॉम ने एक इवेंट में कहा था, ‘मैंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल कर लिया है। मुझ में अब भी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने की भूख है, लेकिन इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ के नियम ऐसा करने की इजाजत नहीं देते हैं। पुरुष और महिला मुक्केबाजों को केवल 40 की उम्र तक मुक्केबाजी करने की अनुमति होती है, इसलिए मैं अब किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती।