मोहिनी एकादशी आज, जानें मंत्र और पौराणिक कथा
मोहिनी एकादशी का खास महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मोहिनी एकादशी के दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। और जीवन में चल रही सभी परेशानियों का निवारण हो जाता है।
जानें व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु और देवताओं के बीच महासागर मंथन चल रहा था। मंथन से अमृत निकलने के बाद देवताओं और असुरों के बीच अमृत को लेकर विवाद हो गया। देवताओं को डर था कि यदि असुरों को अमृत मिल गया तो वे अमर हो जाएंगे और देवताओं पर विजय प्राप्त कर लेंगे। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। भगवान विष्णु का मोहिनी स्वरूप इतना सुंदर था कि सभी असुर उनके मोहिनी रूप पर मोहित हो गए। मोहिनी ने असुरों से अमृत का घड़ा छीन लिया और देवताओं को दे दिया। इस प्रकार भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृत पिलाया और उनकी रक्षा की।
इन मंत्रों का करें जप
🙏ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।
🙏ओम भूरिदा त्यसि श्रुतः पुरुत्रा शूर वृत्रहन् । आ नो भजस्व राधसि।
🙏श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय ।।
🙏ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
🙏ओम नमो भगवते वासुदेवाय
🙏ओम ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः