एसएसजेयू एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के बीच एमओयू साइन, शोध कार्यक्रमों को मिलेगा बढ़ावा

एसएसजेयू एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के बीच एमओयू साइन फोटो डॉक्टर ललित चंद्र जोशी के सौजन्य से

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवं आई.सी.ए.आर. विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के मध्य शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षर हुए हैं।

विश्वविद्यालय एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,अल्मोड़ा के बीच हवालबाग स्थित विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित हुए औद्योगिक सम्मेलन में एमओयू हुआ। इस औद्योगिक सम्मेलन में  कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट बतौर अतिथि उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय की तरफ से प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट एवं विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,अल्मोड़ा की ओर से निदेशक डॉक्टर डॉ लक्ष्मीकांत ने हस्ताक्षर कर एमओयू को सफल बनाया।

एसएसजे और वि.प.का.स.के बीच एमओयू साइन

एमओयू होने से अब सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के साथ विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक शोध एवं अन्य गतिविधियों का संचालन एक साथ करेंगे। एमओयू हस्ताक्षर होने से शोध गतिविधियों में जेआरएफ , एसआर एफ, प्रोजेक्ट स्टाफ का आदान-प्रदान होगा, जंतु विज्ञान विभाग को वैज्ञानिक गतिविधियों के लिए मानवीय संसाधन की उपलब्धता होगी, शोध कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। दोनों ही के संयुक्त तत्वावधान में  शोध गतिविधियों का  प्रकाशन कार्य भी होगा। विश्वविद्यालय के रिसर्चर विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,अल्मोड़ा की प्रयोगशाला का उपयोग शोधकार्य के लिए कर सकेंगे और कार्यशाला के लिए दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे। जंतु विज्ञान के विभिन्न शाखाओं के लिए शॉर्ट टर्म, सिम्पोजिया जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा सकेंगे।

बद्रीनस्ल की गायों को दी जानी चाहिए प्रमुखता

इस औद्योगिक सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए बद्री गायों का पालन करने की बात कही।  उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि और पशुपालन क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए बद्रीनस्ल की गायों को प्रमुखता देनी चाहिए, क्योंकि बद्री गाय के दूध से बने हुए उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं। आज  इस क्षेत्र में शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है। जिससे विकास में सहयोग होगा। 
इस सम्मेलन में उत्तर-पूर्व क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक वैज्ञानिक भी मौजूद रहे। उन्होंने वैज्ञानिकों को उत्तर पूर्व क्षेत्र में किए गए शोध कार्यों को उनके बीच साझा किया,ताकि वे उन शोध कार्यों को आगे बढ़ा सकें।

कुलपति ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

हवालबाग स्थित संस्थान के इस औद्योगिक सम्मेलन के दौरान कुलपति द्वारा संस्थान द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। एमओयू को तैयार करने के लिए  डॉ के के मिश्रा (वरिष्ठ वैज्ञानिक) और डॉ संदीप कुमार ने अपना सहयोग दिया।

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