नौले, धारों से पानी ढोकर काम चला रहे दो दर्जन से अधिक गांव के लोग
पानी की किल्लत के चलते यहां लोगों को नौले, धारों से पानी ढोकर काम चलाना पड़ रहा है। दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी के लिए मचे हाहाकार के चलते प्राकृतिक स्रोत का पानी भी कम पड़ रहा है ।
नौले, धारों से पानी ढोकर काम चला रहे दो दर्जन से अधिक गांव के लोग
द्वाराहाट विकासखंड के खीरोघाटी पंपिंग पेयजल योजना से मंगलवार को पांचवें दिन भी पेयजल आपूर्ति ठप रही। खीरोघाटी पंपिंग पेयजल योजना के तिपौला में बना टैंक क्षतिग्रस्त है। जिससे असगोली, सिमलगांव, छतगुल्ला, बसेरा, कूना, खलना, चमीनी, कुन्स्यारी, तिपौला, तल्ली कहाली, मल्ली कहाली, कुई, मैनोली, छतीना, बूंगा, धन्यारी, सलना, किरोली 24 से अधिक गांवों में मंगलवार को पेयजल आपूर्ति ठप रही। लोगों ने प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी लाकर काम चलाया।लेकिन प्राकृतिक जल स्रोतों में भी जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पा रहा है ।
बिल देने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पानी नहीं मिलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जल संस्थान पूरा बिल वसूलता है लेकिन पानी उपलब्ध नहीं करा रहा है। पेयजल आपूर्ति शीघ्र बहाल की जाए।
पेयजल टैंक की, की जा रही मरम्मत
वहीं एसएस रौतेला, जेई जल संस्थान द्वाराहाट का कहना है कि तिपौला में क्षतिग्रस्त पेयजल टैंक की मरम्मत की जा रही है।पेयजल आपूर्ति शीघ्र बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।