पिथौरागढ़। लक्ष्मण सिंह महर परिसर (एलएसएम परिसर) में दो दिवसीय इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। दो दिवसीय कार्यशाला में उच्च शिक्षा से जुड़े कई विद्वान शामिल हुए।
द्वितीय दिवस पर राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह की औपचारिक शुरुआत डॉक्टर पुष्कर सिंह बिष्ट,प्राचार्य महाविद्यालय पिथौरागढ़ द्वारा की गई। कार्यक्रम में सहयोगी डॉक्टर रश्मि वर्मा, डॉक्टर अपूर्वा जोशी तथा डॉक्टर गुंजन माथुर रहे। जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
दवा से लेकर खाद्य पदार्थों का होना चाहिए पेटेंट
कार्यशाला की संयोजक एवं संचालक प्रोफेसर सरोज वर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने खाद्य सामग्री के पेटेंट जैसे भट्ट, गहत, आदि परंपरागत खाद्य सामग्रियों के पेटेंट को लेकर सारगर्भित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुमाऊं में गहत, आदि फसलों में प्रोटीन, खनिज, लवण, कैल्शियम होते हैं जो हमें दमा, खांसी,गठिया रोग, हृदय घात में दवा के रूप में प्रयुक्त होता है। जिनका पेटेंट होना चाहिए।
वक्ता डॉक्टर वीपी भट्ट ( वैज्ञानिक-डी ) ट्रेडमार्क,पेटेंट की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हल्दी, लाल चावल, राजमा, तिमूर, तेजपत्ता,वनतुलसी जैसी जड़ीबूटियों और खाद्य पदार्थों का पेटेंट हो।
कॉपीराइट पर हुई विस्तृत चर्चा
डॉक्टर मुकेश जोशी (ग्राफिक ऐरा, भीमताल) ने कॉपीराइट की विस्तृत जानकारी सामने रखी। डॉक्टर हिमांशु गोयल (वैज्ञानिक 2) ने भी कॉपीराइट की चर्चा कर जानकारी दी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पुष्कर सिंह बिष्ट ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी। डॉक्टर नवीन तिवारी (सहायक प्राध्यापक,ग्राफ़िक एरा, भीमताल द्वारा आईपीआर एवं पेटेंट पर विस्तार से बात रखी।डॉक्टर हेमंत कुमार जोशी (सहायक प्राध्यापक, पिथौरागढ़) ने पेटेंट फाइल करने की बात साझा की। कार्यशाला की संयोजक एवं आयोजक प्रोफेसर सरोज वर्मा ने आईपीआर एवं पेटेंट आदि के संबंध में विस्तार से वार्ता रखते हुए संचालन किया । उन्होंने सभी विद्वानों, प्रतिभागियों के आभार जताया।
इस अवसर पर प्रो दया पंत , एलएसएम परिसर, पिथौरागढ़ के शिक्षकों, विद्यार्थियों के साथ कई संख्या में प्रतिभागी शामिल हुए।