प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पिथौरागढ़ के गुंजी गांव में स्थानीय लोगों से मिलकर उनसे बातचीत की। इस दौरान गुंजी गांव में दूर-दराज से पहुंचे लोग प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने च्यूबाला पहनी रंगस्या (महिलाओं) से आशीर्वाद भी लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह के रूप में ओम पर्वत की फोटो भेंट की। वही “रं” समाज द्वारा मानसरोवर का पवित्र जल भरा कलश भेंट किया गया।
पीएम मोदी ने स्वयं बजाया नगाड़ा
प्रधानमंत्री मोदी ने गुंजी में सेना के जवानों के साथ बातचीत कर उनका हौसला भी बढ़ाया। उन्होंने रं समाज कल्याण समिति के लोगों से भी भेंटवार्ता की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर स्वयं नगाड़ा भी बजाया। प्रधानमंत्री ने भारत-तिब्बत व्यापार के प्रमुख केन्द्र गुंजी गांव में स्थानीय कला और उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, कुटी गांव, रांगकॉग गांव, नाबी, गुंजी, ओम पर्वत की फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया।
सीमावर्ती गांवों को अंतिम नहीं, बल्कि देश के पहले गांव के रूप में विकसित करना शुरू किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ में लगभग 4200 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा हमने सीमावर्ती गांवों को अंतिम नहीं, बल्कि देश के पहले गांव के रूप में विकसित करना शुरू किया है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, ऐसे ही सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है।
33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा हाल ही में देश ने लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। दशकों से लंबित ये काम आपका भाई और आपका बेटा कर पाया है। उस समय में भी यहां की बहनों ने बहुत सारी चिट्ठियां भेजीं।उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाई पर पहुँचे, आप लोगों का जीवन आसान हो इसके लिए हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से, पूरे समर्पण भाव से कार्य कर रही है।
5 वर्षों में ही देश में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
उन्होंने कहा दूर-सुदूर पहाड़ों पर देश के कोने-कोने में जो लोग रहते हैं, हमने उनकी भी चिंता की। इसलिए, सिर्फ 5 वर्षों में ही देश में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये 13.5 करोड़ लोग, इस बात का उदाहरण हैं कि भारत अपनी गरीबी मिटा सकता है।ये काम पहले की सरकारों द्वारा भी किया जा सकता था। लेकिन पहले की सरकारों ने इस डर से बॉर्डर एरिया का विकास नहीं किया कि कहीं दुश्मन इसका फायदा उठाकर अंदर ना आ जाए। आज का नया भारत, पहले की सरकारों की इस डरी हुई सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है
आस्था की इस तीर्थभूमि पर आकर मैं धन्य हो जाता हूं
प्रधानमंत्री ने कहा यहां मानसखंड में बागेश्वर, बैजनाथ, नंदा देवी, गोलू देवता, पूर्णागिरी, कसार देवी, कैंची धाम, कटारमल, नैनादेवी, नानकमत्ता, रीठासाहिब जैसे अनेकों देव स्थलों की श्रृखंला का वैभव विद्यमान हैं। राष्ट्र रक्षा और आस्था की इस तीर्थभूमि पर आकर मैं धन्य हो जाता हूं।