भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और आर.बी.आई. के निर्देशों के उल्लंघन के कारण आई.सी.आई.सी.आई. बैंक पर बारह करोड़ 19 लाख रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर तीन करोड़ 95 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आईसीआईसीआईबैंक निर्धारित समय सीमा के भीतर रिजर्व बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में भी विफल रहा
रिजर्व बैंक ने कल जारी एक वक्तव्य में कहा कि आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने उन कंपनियों को ऋण स्वीकृत या मंजूर किया, जिनमें उसके दो निदेशक कम्पनी में भी निदेशक थे। वक्तव्य में कहा गया कि आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने गैर-वित्तीय लिखतों का विपणन और बिक्री भी की। इसके अलावा बैंक निर्धारित समय सीमा के भीतर रिजर्व बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में भी विफल रहा।
कोटक महिंद्रा बैंक ने उगाही शुल्क लगाया
कोटक महिंद्रा बैंक के मामले में, आर.बी.आई. के वक्तव्य में कहा गया कि बैंक यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि ग्राहकों से शाम 7 बजे के बाद और सुबह 7 बजे से पहले संपर्क नहीं किया जाए। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी मंजूरी के नियमों और शर्तों के विपरीत, लोन के वितरण की वास्तविक तिथि के बजाय उसकी देय तिथि से ब्याज लगाया। बैंक द्वारा वापस लिए गए ऋणों/उगाही पर पूर्व भुगतान जुर्माना लगाने के लिए ऋण समझौते में कोई प्रावधान नहीं होने के बावजूद बैंक ने उगाही शुल्क भी लगाया।