हर्षोल्लास से श्री राम सिंह धौनी राजकीय महाविद्यालय जैंती अल्मोड़ा में मनाया गया हिंदी दिवस

हर्षोल्लास से श्री राम सिंह धौनी राजकीय महाविद्यालय जैंती अल्मोड़ा में मनाया गया हिंदी दिवस

श्री राम सिंह धौनी राजकीय महाविद्यालय जैंती अल्मोड़ा में हर्षोल्लास से हिंदी दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय आदरणीय डॉ संतोष कुमार जी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला गया

तत्पश्चात कार्यक्रम का संचालन कर रही हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पूनम आर्य ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्राध्यापकगण और सभी विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी । साथ ही वर्तमान युग में हिंदी के महत्व को स्वीकार करते हुए उसके संरक्षण और बढ़ते इंटरनेट और डिजिटाइजेशन  के प्रभाव से हिंदी  को किस प्रकार से सुरक्षित करके प्रयोग किया जा सकता है इस पर चर्चा करते हुए उसके महत्ता पर प्रकाश डाला।

हिंदी के महत्व को स्वीकार किया

उद्बोधन क्रम में सर्वप्रथम महाविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ योगेश सिंह राणा ने हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य की उत्पत्ति और उसकी  स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उसके महत्व को बताया। इसके पश्चात संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० रितेश टम्टा बचपन की हिंदी की कविता को पढ़कर बचपन की स्मृतियों को ताजा करते हुए हिंदी के महत्व को स्वीकार किया । तत्पश्चात श्री केशव जोशी ने संस्कृत के माध्यम से हिंदी भाषा की उत्पत्ति और हिंदी साहित्य की विधाओं पर प्रकाश डालते हुए इसकी महत्ता को स्पष्ट किया । तत्पश्चात
इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ हेमलता आली  ने ऋग्वेद से हिंदी को जोड़ते हुए और हिंदी भाषा के क्रमिक विकास पर जोर देते हुए वर्तमान युग में हिंदी के महत्व को स्वीकारते हुए हिंदी को व्यावहारिक रूप से अपनाने पर जोर दिया।

हिंदी की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डाला

अंत में आदरणीय प्राचार्य  ने उपस्थित सभी प्राध्यापकगण और  उपस्थित सभी  विद्यार्थियों को  हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए ,हिंदी की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डाला। और वर्तमान परिदृश्य  में  हिंदी की प्रासंगिकता एवं हिंदी संवर्धन, संरक्षण हेतु सभी विद्यार्थियों को हिंदी को अपने जीवन में भाषीय और व्यावहारिक  रूप से अभिन्न अंग बनाए जाने हेतु अपील की। साथ ही सभी विद्यार्थियों  को हिंदी के महत्व को स्वीकारते हुए , किस प्रकार से इसमें अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं इस पर अपना वक्तव्य रखा।

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