Sonam Wangchuk ने 21 दिन बाद खत्म किया अनशन, अब क्या होगी आगे की रणनीति?

अनशन का समापन और नया अध्याय

21 दिनों तक चले अनशन, जिसे -4 डिग्री सेल्सियस तक की कठोर परिस्थितियों में जारी रखा गया, 26 मार्च की शाम को समाप्त हो गया। सोनम वांगचुक द्वारा शुरू किया गया यह अनशन लद्दाख के हवा और पानी की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। अनशन के समापन के साथ ही वांगचुक ने घोषणा की कि अब इस आंदोलन को महिलाएं आगे बढ़ाएंगी, और इसके बाद इसे अन्य लोगों द्वारा जारी रखा जाएगा।

मांगों का उद्देश्य

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों के लिए यह आंदोलन चलाया जा रहा है। वांगचुक ने 21 दिनों तक उपवास रखकर इन मांगों के प्रति जागरूकता बढ़ाई और सरकार से अपील की कि वे लद्दाख के लोगों के हित में किए गए वादों को पूरा करें।

व्यापक समर्थन

लद्दाख के निवासियों के दर्द और संघर्ष को पिछले 20 दिनों में लगभग 60,000 लोगों ने अपनी भूख हड़ताल के माध्यम से प्रदर्शित किया है, जबकि सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। वांगचुक ने कहा, वे और उनके साथी लद्दाख के हिमालयी पर्यावरण और यहां की अद्वितीय स्वदेशी संस्कृति की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।

अभिनेता प्रकाश राज का समर्थन

26 मार्च को, प्रसिद्ध अभिनेता प्रकाश राज ने लद्दाख का दौरा किया और अनशन कर रहे वांगचुक और अन्य आंदोलनकारियों से मुलाकात की, उनके प्रयासों का समर्थन किया। राज ने कहा कि यह आंदोलन केवल लद्दाख के लिए नहीं है, बल्कि पूरे देश के हित में है, खासकर पानी, पर्यावरण, और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए।

सरकार के प्रति आह्वान

अब सबकी निगाहें सरकार पर हैं कि वह इस अनशन और उसकी मांगों पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। लोकसभा चुनाव से पहले इन मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए ज|ते हैं, इस पर सभी की नजर बनी हुई है। लद्दाख के निवासियों की आवाज़ और उनके संघर्ष को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करे और उचित समाधान प्रदान करे। आंदोलन में लद्दाख के निवासियों की भागीदारी और विभिन्न सामाजिक संगठनों, सेलेब्रिटीज और आम जनता का समर्थन इस बात का प्रमाण है कि यह मुद्दा केवल स्थानीय नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व का है।

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