SSJU: महात्मा गांधी के प्रेरक जीवन दृष्टांत’ विषय पर प्रेरक व्याख्यान हुआ आयोजित
जीवन में ऐसे कार्य न करें जिससे गलत परंपरा स्थापित हो- डॉ धारा बल्लभ पांडे
स्वामी विवेकानंद-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र का द्वितीय व्याख्यान SSJU के इतिहास विभाग के सभागार में आयोजित हुआ
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय SSJU में स्थापित किए गए स्वामी विवेकानंद-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र का द्वितीय व्याख्यान इतिहास विभाग के सभागार में हुआ। ‘महात्मा गांधी के प्रेरक जीवन दृष्टांत’ विषय पर प्रेरक व्याख्यान आयोजित हुआ।
इस व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य वक्ता डॉ धारा बल्लभ पांडे, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो विद्याधर सिंह नेगी (विभागाध्यक्ष, इतिहास), विशिष्ट अतिथि डॉ ललित जोशी (सह संयोजक, केन्द्र),कार्यक्रम संयोजक डॉ चंद्रप्रकाश फुलोरिया (संयोजक, केंद्र) ने महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानन्द, सरस्वती चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ पुष्पार्पण किया।
केंद्र के संयोजक डॉ चन्द्र प्रकाश फुलोरिया ने अतिथियों का परिचय देते हुए हुए कार्यक्रम की पृष्ठभूमि रखी। उन्होंने माननीय कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट द्वारा खोले गए आध्यात्मिक केंद्र के कार्यक्रमों की जानकारी दी और अतिथियों का परिचय दिया।
विशिष्ट अतिथि रूप में केंद्र के सह संयोजक डॉ ललित जोशी ने अध्ययन केंद्र की स्थापना, उसके उद्देश्य और उसके भावी कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य अतिथि डॉ धारा बल्लभ पांडे ने महात्मा गांधी के जीवन और उनके दर्शन को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके विचार आज के दौर में प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि जो विचारों पर दृढ़ रहते हैं वो आगे बढ़ते हैं। उन्होंने गांधी जी के संस्मरण को साझा कर सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने का युवाओं को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसे कार्य न करें जिससे गलत परंपरा स्थापित हो। कुसंगत से बचें। गांधी जी ने आध्यात्मिक जीवन को जिया। उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भी कार्य किया। साथ ही छुआछूत, अस्पृश्यता, अहिंसा, सत्य को लेकर काम किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में गांधी जी के जीवन चरित्र को उदघाटित किया।
अध्यक्षता करते हुए प्रो विद्याधर सिंह नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से प्रेरणा लेनी चाहिए। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए जनमानस को जाग्रत किया। स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज को तीव्रता दी। उन्होंने कहा कि गांधी जी से मिलने के लिए कुमाऊं का जनमानस एक हुआ। इसके साथ जनमानस ने तन मन धन से सहयोग दिया। स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अपने आभूषण तक दान दिए। यह इस कुमाऊं के इतिहास में एक विशिष्ट घटना थी। उन्होंने गांधी जी से जुड़ी कई प्रकार की जानकारियां साझा की। प्रो नेगी ने स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र की सफलता की कामना की।
इस अवसर पर डॉ गोकुल देवपा,डॉ प्रेमा खाती, डॉ लक्ष्मी वर्मा, नवल जोशी, आँचल आर्या, दिव्या, संगीता बहुगुणा, कमल जोशी, साक्षी, पंकज पाना, नेहा आर्या, सुंदर, बबिता भट्ट, आँचल ठाकुर, प्रियंका आर्या, मीनाक्षी आर्या, जगजीवन सिंह, लोकेश पांडे आदि इतिहास विभाग के कई विद्यार्थी शामिल रहे।