रामलीला समिति महानगर में तालीम अपने चरम पर, अभिनय कला को निखारने का प्रयास कर रहे कलाकार
शारदीय नवरात्र के साथ साथ अवध क्षेत्र में रामलीलाओं का मंचन शुरू हो जाता है।राजधानी लखनऊ में अनेक स्थानों में रामलीलाओं का मंचन होता है। इनमें पर्वतीय क्षेत्र की रामलीला (जिसे कुमाऊनी रामलीला भी कहा जाता है) में रामचरितमानस से कवि उक्ति छोड़कर संवादरूप दोहा, चौपाई को भी स्थान दिया गया है। कुछ छंद और संस्कृत के श्लोक भी लिए गए हैं।
गायन शैली की रामलीलाओं का अलग ही आनन्द
गायन शैली की रामलीलाओं का अलग ही आनन्द है कुमाऊंनी शैली में होने वाली यह राम लीला शास्त्रीय रागों में होती है।आजादी के बाद लखनऊ में कुमाऊं परिषद की स्थापना के बाद पचास के दशक में प्रसिद्ध मुरली नगर की रामलीला के साथ साथ महानगर, गणेश गंज,नरही और डालीगंज में रामलीला का मंचन होता रहा है धीरे-धीरे नगर के विस्तार के साथ साथ आज कल्याणपुर, पन्तनगर,कुर्मांचल नगर, तेलीबाग में रामलीलाओं की शुरुआत हुई लेकिन नरही, गणेशगंज और डालीगंज की रामलीला परिस्थितियों एवं स्थानीय पर्वतीय लोगों के दूसरे क्षेत्रों में पलायन होने के कारण समाप्त हो गई।लेकिन महानगर की रामलीला निरन्तर छह दशक से भी अधिक समय से निरन्तर जारी है।
इस निरंतरता को बनाए रखने का श्रेय महानगर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मन्दिर के पुजारी एवं श्री रामलीला समिति महानगर के पूर्व अध्यक्ष स्व. पंडित पूरन चन्द्र पांडे “पूरन दा” के प्रयासों को जाता है। अस्सी के दशक में मुरली नगर की रामलीला समाप्त होने के बाद यहां के अधिकांश कलाकार और कार्यकर्ता श्री रामलीला समिति महानगर के साथ साथ शहर के अन्य क्षेत्रों में होने वाली रामलीला समीतियों से जुड़ गए। एक समय में मुरली नगर और महानगर की रामलीलाओं को लखनऊ शहर में सर्वश्रेष्ठ माना जाता था, इसका प्रमुख कारण यहां के अपने समय के प्रसिद्ध संगीतकार और कलाकार जैसे हारमोनियम के स्वर्गीय पीतांबर दत्त पांडे स्वर्गीय प्रभु चाचा, गायन में स्व. गिरजा शंकर पन्त , अभिनय में स्व. दामोदर पांडे स्व. कैलाश जोशी स्व. रघुवर दत्त जोशी स्व. पीयूष पांडे, स्व. सत्य प्रकाश जोशी , स्व.मोहन चन्द्र तिवारी,स्व. नलिनाक्ष जोशी,स्व. राजीव जोशी स्व.अशोक सिंह,स्व. जगदीश चन्द्र जोशी (बब्बा), स्व.ललित मोहन जोशी, आदि प्रमुख थे।
पिछले कुछ वर्षों से अभिनय निभा रही ज्यादातर लड़कियां
प्रसिद्ध लोकगायिका व देश और प्रदेश के विभिन्न सम्मानों से सम्मानित विमल पन्त और कभी सूर्पनखा का सुन्दर अभिनय करने वाले कृष्ण कुमार पाण्डे उर्फ कन्हैया आज भी रामलीला मंचन सहयोग कर रहे हैं। श्री रामलीला समिति महानगर द्वारा आयोजित रामलीला मंचन में पिछले कुछ वर्षों से अभिनय ज्यादातर लड़कियां निभा रही हैं। ये कलाकार अपनी पढ़ाई के साथ साथ रामलीला में सुन्दर अभिनय भी करते हैं। श्री राम का अभिनय करने वाली यशी लोहुमी लखनऊ विश्वविद्यालय में बीटेक प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। साथ ही सीता- अनुराधा मिश्रा, लक्ष्मण -फाल्गुनी लोहुमी,भरत- प्रतिष्ठा शर्मा,शत्रुघ्न प्रसिद्धि- जोशी अहिल्या- यशी शर्मा गौरी -हर्षिता कश्यप का अभिनय करने वाली कलाकार लखनऊ के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।महानगर रामलीला की तैयारियां इन दिनों तेजी से चल रही है। गतवर्ष प्रसिद्ध निर्देशक पियूष पांडे के आकस्मिक निधन के बाद इस वर्ष महेन्द्र पंत निर्देशक के साथ साथ हनुमान की भूमिका में दिखाई देंगे। इनका साथ हरीश लोहुमी सह निर्देशक के रूप में दे रहे हैं जो सुमंत और जनक की प्रभावशाली भूमिका में भी दिखाई देंगे। मीडिया से जुड़े कुणाल पन्त दशरथ की और लोकगायिका आशा रावत कैकेई की भूमिका में होंगी। अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारी नवीन पांडे परशुराम और अंगद का अभिनय करेंगे साथ अवकाश प्राप्त रेलवे में इंजीनियर रहे गिरीश जोशी जोगी रावण व बाली की भूमिका निभा रहे और बाली पत्नी तारा का अभिनय उत्तर प्रदेश खेल विभाग में कार्यरत पूनम बिष्ट कर रही हैं। गन्ना विभाग से जुड़े मनीष उपाध्याय विश्वामित्र,मारीच व मेघनाद का अभिनय कर रहे हैं। पिछले एक महीने से कलाकार अपने रोजमर्रा के कार्यों के साथ साथ अपने पात्रों की भी तैयारी कर रहे हैं। इस बार रामलीला में कुछ बदलाव भी किये गये है। गत वर्ष रावण का गरजदार अभिनय करने वाले नन्दा बल्लभ जोशी की अस्वस्थता के कारण इस वर्ष भास्कर जोशी की रावण के रूप में गर्जना सुनाई देगी। शबरी प्रसंग पहली बार जोड़ा जा रहा है।जिससे रामलीला का मंचन और ज्यादा प्रभावशाली होगा। निर्देशक महेन्द्र पंत ने बताया कि इस बार शूर्पणखा का अभिनय लखनऊ विश्वविद्यालय से परास्नातक कर रहीं हर्षिला पांडे व शबरी का अभिनय वयोवृद्ध अदाकारा श्रीमती हेमा जोशी कर रही हैं। नृत्य में भातखंडे विश्वविद्यालय की दामिनी पांडे अपनी प्रस्तुति देंगी।
शाम 6 बजे से दी जा रही रामलीला की तालीम
प्रतिदिन सांय 6 बजे से रामलीला की तालीम को दी जा रही है। संगीत पक्ष में हारमोनियम पर कलाकारों ललित भट्ट, तबले पर नीरज पंत, दिवाकर राव, बांसुरी पर किशोर कुमार संगत कर रहे हैं। रिहर्सल की व्यवस्था दीपक पांडे (दीनू) देख रहे हैं। महिला उपाध्यक्ष मंजू पड़ेलिया शर्मा के सहयोग से भारती पांडे, भावना लोहानी, हेमा जोशी, चित्रा पांडे, नन्हे मुन्ने बच्चों सहित बड़े बच्चों को नृत्य सिखाने में लगी हैं, जिससे रामलीला रोचक हो सके। रामलीला समिति के अध्यक्ष श्री ललित मोहन जोशी, महासचिव श्री हेम पंत, संयोजक दीपक पांडे (दीनू ), वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार पंत, कोषाध्यक्ष नीरद लोहनी, पंडित दीपक जोशी, पंडित हरीश तिवारी,नीरज लोहानी,संजय पांडे, आनन्द सिंह, सर्वजीत बोरा, बृजेश मेहता एवं अनिल जोशी, एन.सी.तिवारी, चन्दू पाण्डे,भुवन तिवारी, दीपेश पाण्डे,तारा चन्द्र जयसवाल,तारा जोशी के साथ साथ बलवंत देवणी रामलीला मंचन हेतु आर्थिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था में लगे है। रामलीला मंचन में जीवंत भाव डालने के मंच सज्जा और रूप सज्जा के साथ साथ वस्त्र विन्यास की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है जिसे समिति के पदाधिकारी दीपेश त्रिपाठी, हिमांशु मिश्रा, देवेन्द्र मिश्रा के साथ साथ मधुसूदन उर्फ मधु बाबा एवं अजय राठौर , हर्षित जैन,मौलिक श्रीवास्तव विगत कई वर्षों से बखूबी संभाल रहे हैं। रामलीला मंचन में विगत कई वर्षों से सूत्रधार और मंच उद्घोषक के रूप में आकाशवाणी अल्मोड़ा के पंडित नारायण पाठक सहयोग दे रहे हैं।