रामलीला समिति महानगर द्वारा प्रसिद्ध रंगकर्मी, रेडियो – दूरदर्शन के कलाकार, नाट्य एवं रामलीला के निर्देशक पीयूष पांडे को रामलीला भवन में रंगकर्मियों, साहित्यकारों, उनके साथियों एवं पर्वतीय समाज सहित सर्व समाज के लोगों में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उनके साथी रहे प्रसिद्ध पत्रकार नवीन जोशी में रुधें गले से स्मरण करते हुए कहा की पीयूष पांडे जन्म जात कलाकार थे वह बहुत ही स्वाभिमानी और खुदगर्ज इंसान थे।
यह बचपन से ही रामलीला से आघात प्रेम था छोटे-छोटे बाल कलाकार से उन्होंने अभिनय की शुरुआत करते हुए राम और अंगद का जीवंत अभिनय किया उनके द्वारा राम का अभिनय आज भी याद किया जाता है बाद में उन्होंने आंखर, दर्पण और लक्रीस जैसी संस्थाओं के नाटकों में अभिनय किया।
आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले नाटकों में भी उन्होंने कार्य किया। प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान जयपुरिया में भी उन्होंने बच्चों को नाटक के प्रति जागरूक किया। पिछले कई वर्षों से वह बतौर रामलीला निर्देशक रामलीला समिति महानगर से जुड़े हुए थे। उनकी की गायकी बेजोड़ थी।
पीयूष पांडे के साथ बतौर सह-निर्देशक रहे महेंद्र पंत ने भावुक होते हुए कहा कि आज मैं जो कलाकार हूं वह पीयूष पांडे के बदौलत हूं उनसे मैं बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ सीखना बाकी रह गया था। पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टी एस मनराल ने कहां की वह बहुत ही सरल सौम्य और विनम्र स्वभाव के थे उनकी कमी पर्वतीय समाज को हमेशा महसूस होती रहेगी उन्होंने याद करते हुए कहा कि जनवरी माह में उत्तरायणीं कौतिक में उन्हें श्रेष्ठ कलाकार के सम्मान से महापरिषद द्वारा सम्मानित किया गया था।
पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष गणेश जोशी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके नाटकों में खासकर पर्वतीय समाज की सामाजिकता दिखती थी पुन्तरी नाटक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जन कवि घनानंद पांडे मेघ ने अपनी कविता से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रामलीला समिति महानगर के महासचिव हेम पन्त ने बचपन से उनके साथ बिताए गए पलों को याद किया। उत्तराखंड महापरिषद के अध्यक्ष हरीश पंत ने भावुक होते बताया कि हम लोग बचपन के साथी थे रामलीला मंच में हम लोग साथ-साथ अभिनय किया करते थे मेरे भाई की तरह था उसका असमय जाना बहुत पीड़ा दे रहा है। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी,पंडित नारायण पाठक, पर्वतीय महापरिषद के महासचिव महेंद्र रावत,हरीश लोहुमी, कैलाश उपाध्याय, साहित्यकार कौस्तुभ आनंद चंदोला, गोपाल जोशी, डॉक्टर आर सी पन्त,धन सिंह मेहता अंजान,दिपेश त्रिपाठी , गिरीश जोशी, मधुसूदन बाबा , प्रीति यादव बोरा,मंजू शर्मा पडलिया , रमेश उपाध्याय सहित अनेक वक्ताओं ने पियूष पांडे के बिताए पलों को साझा किया।
इस दौरान गोविन्द बोरा, आनन्द सिंह बिष्ट,हेमा जोशी, संजय पाण्डे, गोपाल गैलाकोटी, शंकर पाण्डेय, भारती पाण्डे, भावना लोहानी,ख्याली सिंह काड़ाकोटी, आनन्द कपकोटी, हिमांशु मिश्रा, देवेन्द्र मिश्रा, सर्वजीत बोरा,जगत सिंह राणा, पूनम बिष्ट,पूरन सिंह जीना, विनोद पंत वीनू, अनुष्का जोशी माही ने पियूष दा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की।