रुद्रप्रयाग -इन दिनों उखीमठ क्षेत्र में आठ जिलों की लोककलाकर महिलाओं के द्वारा अयोध्या रामजन्म भूमि में रामलीला मंचन की तैयारी जोर सोर से चल रही। कुमाऊं व गढ़वाल के लोकलाकर महिलाओं को अलग अलग पात्रों के अभिनय करने के लिए मां नंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति के द्वारा चयनित किया जा रहा है।
13 सालों से कर रही रामलीला मंचन
इससे पहले मां नंदा महिला रामलीला मांगल समिति के द्वारा 13 सालो से अलग अलग जगहों पर महिला रामलीला मंचन किया गया।13वे रामलीला दिल्ली राजधानी में की गई। अभी अभी वर्तमान में इन आठ जिलों की महिलाओं के द्वारा चमोली के गौचर में व अल्मोड़ा के चखुटिया में,व रुद्रप्रयाग के दशज्यूला महड गांव में अभिमन्यु चक्रव्यूह कार्यक्रम किया गया। अयोध्या रामजन्म भूमि के स्थान हनुमान गढ़ी मंदिर के पास साकेतपुरी पवित्र स्थल पर दो जनवरी से उत्तराखंड की आठ जिलों की लोकलाकर महिलाओं के पचास से पचपन महिलाओं के शिष्टमंडल के द्वारा पहली बार अयोध्या रामजन्म भूमि में महिला रामलीला मंचन किया जा रहा है।
2 जनवरी से 11 जनवरी तक होगा आयोजन
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया हमारे उत्तराखंड में महिलाओं का नाम हमेशा सर्वोपरि रहा है।दो जनवरी से अयोध्या रामजन्म भूमि में उत्तराखंड की महिला रामलीला मंचन होने से उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में महिलाओं का गौरव की बात है।शाम को सात बजे से ये रामलीला मंचन का शुभारंभ होगा दो जनवरी से 11जनवरी तक ये महिला रामलीला मंचन का भव्य आयोजन अयोध्या में किया जा रहा है। अयोध्या रामजन्म भूमि में उत्तराखंड की मात्र शक्ति आठ जिलों के लोकलाकर महिलाओं के द्वारा पहली बार अयोध्या में रामलीला मंचन करने का अवसर प्राप्त हुआ।जो उत्तराखंड देव भूमि के लिए एक सराहनीय कार्य है। रामजन्म भूमि में उत्तराखंड की नारी शक्ति के द्बारा महिला रामलीला मंचन करने से उत्तराखंड का नाम देश के अन्य राज्यों में अलग-ही पहचान बन गई है।