उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखण्ड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि – सीएम धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को परेड ग्राउंड में जौनसार बावर पौराणिक सांस्कृतिक लोक कला मंच एंव सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित ठोउड़ा नृत्य एंव सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया।

देवभूमि उत्तराखण्ड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी

इस दौरान उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। उन्होंने कहा कि पौराणिक संस्कृति पर आधारित दल के मुख्य-नृत्य-ढोल सागर, केदार वाच्छा, विरूडी, हारूल, तलवार जुड़ा नृत्य, गुड़िया रासो, मैंता, जौनसारी नाटी, ठोऊडा धनुष तीरकमान, नृत्य आदि प्रस्तुत करना संस्था की लोक संस्कृति के प्रति सजगता का द्योतक है। इस तरह के आयोजन से हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण मिलेगा।

सांस्कृतिक समारोह, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन तथा सांस्कृतिक समारोह, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है।

इस अवसर पर उपस्थित रहे

इस मौके पर विधायक  दुर्गेश्वर लाल, ब्लाॅक प्रमुख कालसी पर मठोर सिंह चौहान के साथ लोक कलाकार तथा स्थानीय लोग उपस्

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