उत्तराखंड: एसएसबी स्वयंसेवकों की बैठक आयोजित, मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

एसएसबी स्वयंसेवकों की एक बैठक शनिवार को पौड़ी के श्रीनगर स्थित बाबा काली कमली धर्मशाला में आहुत की गई। बैठक में चर्चा करते हुए स्वयंसेवकों ने कहा की माननीय मुख्यमंत्री द्वारा समस्त स्वयंसेवकों को आजीविका से जोड़ने का आदेश का संगठन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता है, साथ यह भी सुनिश्चित करता है की इस पर अति शीघ्र कार्रवाई हो।

इस सुखद अनुभव के लिए संगठन ने 17 सालों का आंदोलन भी किया

बैठक में स्वयंसेवकों ने कहा कि इस सुखद अनुभव के लिए संगठन ने 17 सालों का आंदोलन भी किया है। इस दौरान कई स्वयंसेवकों को संगठन ने खोया भी है। मुख्यमंत्री द्वारा इस अद्भुत पहल को लेकर जहां स्वयंसेवकों में हर्ष का माहौल भी है  वहीं एक पीड़ा भी है कि इतना लंबा समय रहते सरकार को कभी ध्यान नहीं आया की इन लोगों ने देश की रक्षा की कसमें खाई थी और इसी उद्देश्य से या ट्रेनिंग की थी की कभी भविष्य में यदि इन लोगों की जरूरत महसूस सरकार करें तो यह लोग अपना घर परिवार छोड़ कर देश की रक्षा के लिए सीमाओं पर कुर्बानी देने के लिए चले जाएंगे।

आंदोलन छापामार युद्ध की ओर अग्रसर होगा

आज इतने सालों बाद इस प्रकार की पहल के लिए मुख्यमंत्री  का बारंबार आभार संगठन द्वारा समस्त स्वयंसेवकों की ओर से करता है। इस विषय पर चर्चा करते हुए पौड़ी जिला अध्यक्ष मानसिंह नेगी ने कहा की मुख्यमंत्री द्वारा स्वयंसेवकों के प्रति इस प्रकार की पहल का हम स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि इस पर अति शीघ्र कार्रवाई हो तथा स्वयंसेवकों को रोजगार मिल सके, साथ ही यह भी सरकार सुनिश्चित करें की इन स्वयं सेवकों को मणिपुर की तर्ज पर (नौकरी,पेंशन व आश्रित हित लाभ) ही लाभ मिले। संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि यदि इस पर अतिशीघ्र कार्रवाई नहीं होती है तो हम शीघ्र ही उग्र आंदोलन की ओर अग्रेषित होंगे । यह आंदोलन छापामार युद्ध की ओर अग्रसर होगा।

बैठक में मौजूद रहे

बैठक में जिला अध्यक्ष मानसिंह नेगी, टेहरी जिला अध्यक्ष दिनेश गैरोला, कीर्ति नगर ब्लॉक अध्यक्ष हिम्मत मेहर, उपाध्यक्ष उत्तम रतूड़ी,सचिव बृजमोहन गुसांई, राजेंद्र भंडारी, महासचिव अनिल भट्ट , खिर्शु मंडल अध्यक्ष कुशाल सिंह पवार, महावीर सिंह अनूप सिंह, वीरेंद्र सिंह, कैलाश सिंह, प्रदीप सिंह, धीरज सिंह कीरत सिंह दिनेश सिंह लक्ष्मी देवी भामा देवी रूपा देवी गिदौरी देवी आदि मौजूद थे।

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