उत्तराखंड: चार हजार रुपए के खातिर तीन दोस्तों ने की अपने साथी की हत्या

चाकू गोदकर हत्या

यहां तीन दोस्तों ने मिलकर अपने ही साथी युवक की हत्या कर दी। जिसके बाद शव से दुर्गंध आने पर ठिकाने लगाने की योजना बनाई । जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

मार्केटिंग का काम करता था शिव कुमार

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि 30 सितंबर को लालपुल के नीचे एक युवक का छह से सात दिन पुराना शव बरामद हुआ था। मृतक के भाई ने शिव कुमार उर्फ बब्बू पुत्र नकछेंद, ग्राम गढा, पोस्ट दुलारी नगर, थाना कमलरौली अमेठी उत्तर प्रदेश के रूप पहचान की। शिव कुमार यहां पर मार्केटिंग का काम करता था। पुलिस लगातार जांच कर रही थी। इस बीच मोबाइल लोकेशन के आधार पर बृहस्पतिवार को आशीष उर्फ पप्पू निवासी नगर निगम कॉम्प्लेक्स को गिरफ्तार कर लिया। शिव कुमार का मोबाइल आशीष के पास ही था।

चार हजार रुपए के खातिर दोस्त की हत्या की

केवल चार हजार रुपये के लिए एक युवक की उसके तीन साथियों ने सिर पर डंडा मारकर हत्या कर दी थी। तीन दिन तक शव को घर में रखा गया और इसके बाद उसे बिंदाल नदी में लालपुल के नीचे फेंक दिया। शव ठिकाने लगाने के लिए आरोपियों ने स्कूटर भी चोरी किया था। इनमें से एक आरोपी स्कूटर चोरी और दूसरा नशा तस्करी में जेल में है। जबकि, तीसरे आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

दुर्गंध आने पर बनाई शव को ठिकाने लगाने की योजना

पूछताछ में आशीष ने बताया कि उसकी शिवकुमार से अच्छी दोस्ती थी। गत 25 सितंबर को शिव कुमार उसके साथ आढ़त बाजार में ऋषभ गुप्ता के घर पर गया था। वहां पर शुभम उर्फ खस्ता निवासी लक्खीबाग भी मौजूद था। तीनों ने शराब पी और आपस में बात करने लगे। आशीष को पता चला कि शिव कुमार के पास चार हजार रुपये हैं। इन्हीं रुपयों को लेने के लिए आशीष जिद करने लगा। इसी बात को लेकर तीनों में झगड़ा हो गया। आरोपियों ने आव देखा न ताव शिव कुमार के सिर पर डंडा मार दिया। इससे शिव कुमार वहीं गिर गया। आरोपियों ने देखा कि शिव कुमार मर चुका है तो वे घबरा गए। आरोपियों ने लाश को ऋषभ के घर पर ही छोड़ दिया। तीन दिनों तक शव वहीं रहा, दुर्गंध आने लगी तो उन्होंने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।

तीनों अभियुक्त गिरफ्तार

जिसके बाद ऋषभ ने एक स्कूटर चोरी कर लिया। गत 27 सितंबर को लाश को कंबल में लपेटकर स्कूटर पर रखा और लालपुल से नीचे गिरा दिया। उनके स्कूटर का आना-जाना भी सीसीटीवी कैमरा में कैद हुआ। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इनमें से ऋषभ गुप्ता को जब पता चला कि पुलिस मामले की छानबीन कर सकती है तो उसने जेल जाने की योजना बना ली। ऋषभ 30 सितंबर की शाम को ही लक्खीबाग चौकी पहुंच गया और उसने स्कूटर चोरी करने का जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया। इसके बाद अगले दिन शुभम उर्फ खस्ता भी नशा तस्करी के आरोप में पकड़ा गया।

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