प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृति, समाज संरचना, अध्यामिक और आदर्श हमेशा से जोडने अपनाने और अंगीकार करने वाली उन परंपराओं को पोषित करने वाला रहा है, जो एकता और अपनाने वाली है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से लोगों को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योग एक स्वस्थ ओर शक्तिशाली समाज बनाता है जहां सामूहिक ऊर्जा कहीं अधिक होती है।
आज शाम संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होंगे शामिल
उन्होंने कहा कि नियमित योग करने वालों को स्वस्थ्य, शक्ति और ताकत प्राप्त होती है। प्रधानमंत्री आज शाम साढे पांच बजे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि योग दिवस पर 180 देशों का मिलकर योग दिवस मनाना ऐतिहासिक और अभूतवूर्ण है। उन्होंने कहा कि योग ग्लोबल स्प्रीट बन गया है और पूरे विश्व में वसुधैव कुटुंबकम का संदेश फैला रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना का ध्यान रखते हुए इस वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय -एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य रखा गया है।
यह योग के विचार और समुद्र के विस्तार के बीच पारस्परिक संबंध पर आधारित
प्रधानमंत्री ने योग के ओशन रिंग के विचार पर प्रकाश डाला जो योग दिवस को और भी विशेष बनाता है। पीएम मोदी ने कहा कि यह योग के विचार और समुद्र के विस्तार के बीच पारस्परिक संबंध पर आधारित है। उन्होंने जल स्रोतों का उपयोग कर सेना के जवानों द्वारा बनाई गई ‘योग भारतमाला और योग सागरमाला’ पर भी प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक के दो रिसर्च बेस भी योग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस अनोखे उत्सव में देश और दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज तरीके से शामिल होना योग की विशालता और प्रसिद्धि को दर्शाता है।
विश्व के करोड़ों लोगों को जोड़ता है योग
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि योग न सिर्फ शरीर और मस्तिष्क को जोड़ता है बल्कि यह विश्व के करोड़ों लोगों को भी जोड़ता है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि एक संकटपूर्ण और विभाजित विश्व में इस प्राचीन अभ्यास के लाभ विशेषरूप से मूल्यवान हैं।अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि योग तनाव को दूर करके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ पृथ्वी के लोगों को जोड़ने में मददगार है। इस जुड़ाव की आज बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और धैर्य को विकसित करने में मददगार है।संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सभी को एकता की भावना अपनाने तथा एक बेहतर और अधिक सौहार्दपूर्ण विश्व बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया।