उत्तरायणी कौथिग 14 से 23 जनवरी तक भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन, बीरबल साहनी मार्ग, गोमती तट, लखनऊ में उत्तरायणी कौथिग-2024 के आयोजन के सम्बन्ध में पर्वतीय महापरिषद की एक बैठक आज दिनांक 10.12.2023 को पर्वतीय महापरिषद भवन गोमती नगर में हुई। जिसमें दिनांक 14 से 23 जनवरी 2024 तक 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग के आयोजन के सम्बन्ध में रूपरेखा तय की गई। पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने बताया कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी दस दिवसीय ‘‘उत्तरायणी कौथिग (मेला)‘‘ का आयोजन भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन, बीरबल साहनी मार्ग, गोमती तट, लखनऊ में दिनांक 14 से 23 जनवरी 2024 तक किया जा रहा है।
दिग्गज नेता, कलाकार करेंगें कार्यक्रम में शिरकत
उक्त कौथिग(मेले) में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के महामहिम राज्यपाल, मा0 मुख्यमंत्री, मा0 गृहमंत्री/मा0 रक्षामंत्री भारत सरकार सहित मा0 मंत्रिगण एवं राज्य व केन्द्र सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गण, शिक्षाविद, पर्यावरणविद, साहित्यकार, लखनऊ के महापौर, आदि गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। मीडिया प्रभारी हेमंत सिंह गड़िया ने बताया उत्तरायणी कार्यक्रम भव्य और सफल आयोजन के लिए विधिवत रूप से भूमि पूजन का कार्यक्रम दिनांक 14 दिसम्बर को प्रातः 11ः00 बजे गोमती किनारे रखा गया है।
उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य,रहेगा मुख्य आकर्षण
महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य, उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाऐंगे। मुख्य संयोजक टी0 एस0 मनराल ने बताया कि मेला प्रति वर्ष की भांति पारम्परिक रूप से विविध सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं को समेटते हुए किया जाएगा। संयोजक के0 एन0 चंदोला ने बताया कि मेले में लगने वाले स्टॉलों में विभिन्न प्रदेशों के हस्त शिल्प, लघु/मध्यम/सूक्ष्म उद्यमों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का प्रदर्शन व विपणन, खाद्य सामग्रियां, परिधान, जड़ी-बूटियां, व्यंजनों के अतिरिक्त प्रदेश व केन्द्र सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के पर्यटन स्थलों की सम्पूर्ण जानकारी व अनेक प्रकार के कार्यक्रम किए।
बैठक में उपस्थित रहे
बैठक में पर्वतीय महापरिषद के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य, संरक्षक व सलाहकार उपस्थित रहे। जिनमें संरक्षक प्रो0 आर0 सी0 पन्त, एन0 के0 उपाध्याय, डी0 डी0 नरियाल, रमेश चन्द्र पाण्डेय, जी0 डी0 भट्ट, महेन्द्र पन्त, बिशन दत्त जोशी, के0 एस0 रावत, गोविन्द सिंह बोरा, हेमन्त सिंह गड़िया, गणेश चन्द्र जोशी एडवो0, रमेश चन्द्र उपाध्याय, गोविन्द पाठक, कृष्ण चन्द्र पन्त, देवेन्द्र मिश्रा, डॉ0 भीम सिंह नेगी, ख्याली सिंह कड़ाकोटी, के0 एन पाठक, रवीन्द्र सिंह बिष्ट, राजेश भट्ट, शंकर पाण्डेय, आनन्द सिंह भण्डारी, कमल सिंह नेगी, के0 डी0 पाण्डेय, बसंत वल्लभ चन्दोला, गोपाल सिंह गैलाकोटी, पूरन जोशी, आनन्द सिंह कपकोटी, महेन्द्र सिंह मेहता, आनन्द सिंह भण्डारी, हरीश चन्द्र भट्ट, बसन्त बल्लभ भट्ट, पुष्कर नयाल, गंगा भट्ट, मंजू शर्मा पडेलिया, चित्रा काण्डपाल, भारती काण्डपाल, नंदा रावत प्रमुख रहे।