रीठागाड पट्टी का 65 साल पुराना कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल सोमवार से बंद पड़ा है। कनारीछीना निवासी बहादुर सिंह डसीला के मकान में दो कमरे के किराये पर यह अस्पताल संचालित है। वर्षों से दो कमरे के किराये पर यह अस्पताल चल रहा है। बहादुर सिंह डसीला को डेढ़ सौ रुपए किराया न मिलने से उन्होंने इस अस्पताल में ताला मार दिया। वर्षों से डेढ़ सौ रुपए किराये पर यह दो कमरे का अस्पताल चल रहा है।
लंबे समय से बहादुर सिंह डसीला को नहीं मिला किराया
बता दें कि लंबे समय से डेढ़ सौ रुपए नहीं मिलने के कारण मकान मालिक बहादुर सिंह डसीला ने ताला मार दिया जिससे अस्पताल सोमवार से बंद है। प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया एक तरफ कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य एक साल से बंद है। दूसरी तरफ लंबे समय से बहादुर सिंह डसीला को डेढ सौ रुपए किराया नहीं मिल पाया।
अभी तक शासन की ओर से नहीं हुई कोई कार्यवाही
इससे पहले प्रताप सिंह नेगी नवंबर में कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए उत्तराखंड मुख्यमंत्री व माननीय स्वास्थ्य मंत्री,सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड शासन व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय सहस्त्रधारा रोड देहरादून को ज्ञापन प्रेषित किया था।लेकिन अभी तक शासन प्रशासन की तरफ से कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कोई कारवाई नहीं की गई। डेढ़ सौ रुपए किराया नहीं दिया जाने से सोमवार से अस्पताल बंद पड़ा है।सरकार बोलती है हम स्वास्थ्य संबंधित सुविधा उपलब्ध करा रहे। लेकिन रीठागाड पट्टी के कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल की हालत देखकर क्या बताया जाय।