भगवती मंदिर के ऊपर पेड़ गिरने से धर्मशाला व दिवारे हुई ध्वस्त, पुजारी ने शासन प्रशासन से की ये मांग
भैसियाछाना विकास खंड के ग्राम रीम में प्राचीन भगवती मंदिर के ऊपर चीढ़ के पेड़ गिरने से मंदिर के धर्मशाला व मंदिर की चार दीवारी व मंदिर के पीपल के पेड़ को भी बहुत नुकसान हुआ है।
जान माल का नहीं कोई नुकसान
यह घटना कल तीस जुलाई की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि गांवों के लोग रीमगाड़ा भगवती मंदिर के आस पास गाय बकरियों को चराने के लिए गये हुए थे। तभी पेड़ गिर गया। लेकिन जब चीड़ के पेड़ की टूटने की आवाज आई तो गाय बकरियों को चराने वाले लोग तितर बितर होकर भाग गए। वो तो गनीमत रही कि इस बीच जान मान का कोई खतरा नहीं हुआ।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि मां भगवती के आर्शीवाद से कोई जान माल का खतरा नहीं हुआ। वहीं पेड़ गिरने से भगवती मंदिर के चार दिवारी व धर्मशाला आधे ध्वस्त हो गये। फिलहाल मंदिर के , सामने चीड़ के पेड़ गिरने से गांव के लोगों ने अपने स्तर से पेड़ की टहनियों को काटने का सिलसिला जारी किया है ।
शासन प्रशासन ने नहीं ली कोई सुध
वहीं 30 जुलाई से आज तक इस भगवती मंदिर के हादसे के लिए ना कोई जनप्रतिनिधि ने सुध ली ना शासन प्रशासन ने सुध ली। भगवती मंदिर के पुजारी महिपाल सिंह नेगी व उनके चचेरे भाई ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई। तली रीठागाड़ व मली रीठागाड़ क्षेत्र का ये प्राचीन मंदिर के लिए बरसात के टाइम पर चीड़ के पेड़ गिरने से मंदिर को व मंदिर की चार दीवारी को बहुत नुकसान पहुंचा है।
पुजारी ने शासन प्रशासन से की ये मांग
वहीं महिपाल सिंह पुजारी ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस मंदिर के चार दिवारी व धर्मशाला शासन प्रशासन को अपने स्तर से अपदा के तहत कोई ना कोई मदद करनी चाहिए। इस मंदिर में अभी वर्तमान में पांच छः गांवों के लोगों के द्बारा आठों सातों का एक दिवसीय मेला भी होता है। लेकिन मंदिर के सामने चीड़ का पेड़ गिरने, से मंदिर व चार दीवारी, धर्मशाला आधे ध्वस्त हो गए।