योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला जारी है।
जल चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों के विषय में बताया गया
कार्यशाला के तृतीय दिवस के प्रथम सत्र में जल चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों के विषय में बताया गया। योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ०नवीन चन्द्र भट्ट ने जल चिकित्सा के सिद्धान्तों के विषय में बताया,योग शिक्षक लल्लन कुमार सिंह ने जल चिकित्सा के महत्व , योग शिक्षक रजनीश जोशी ने जल तत्व चिकित्सा की पर अनेक विधियों ,तथा विद्या नेगी ऋग्वेद , अर्थवेद वेदों में जल के के विषय में बताया।
सूर्य चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया तथा इसके चिकित्सकीय अनुप्रयोगों को समझाया
इसके पश्चात कार्यशाला के द्वितीय सत्र में योग व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ गिरीश अधिकारी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा का परिचय देते हुए पंचतत्व आकाश, वायु , अग्नि, जल, पृथ्वी तत्व का वर्णन करते हुए सूर्य चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया तथा इसके चिकित्सकीय अनुप्रयोगों को समझाया।
पंचतत्व चिकित्सा हेतु उपकरणों की जानकारी दी गयी
तृतीय सत्र में प्रतिभागियों को पंचतत्व चिकित्सा हेतु उपकरणों की जानकारी दी गयी, जिसमें छात्र छात्राओं को रीड स्नान टब, कटि स्नान टब , मसाज टेबल, भाप स्नान केबिन, हस्त स्नान पोर्ट, हस्त पाद स्नान टब, आदि के विषय में बताकर उनके उपयोग की विधि बताई गयी।
इस अवसर पर उपस्थित रहे
इस अवसर पर सी एन वाई एस , डी एन वाई एस के छात्र, आरती कनवाल, दीपा जोशी,नितिन पांडे, सूरज बिष्ट, अजय सिराड़ी, कुनाल बिष्ट, चंदा नेगी, निशा बिष्ट, करिश्मा, सौरभ लटवाल व प्रियांशु बबिता , भावना अधिकारी, कनिष्का भंडारी, अपर्णा पनेरू, कविता खनी, दीपक बिष्ट आदि छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।