उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने मानसिक स्वास्थ्य नियमावली पर मुहर लगा दी है। साथ ही 13 में से 7 जिलों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए रिव्यू बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।
दो साल की सजा का प्रावधान
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर 2 साल की जेल और 5 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान भी होगा। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य नियमावली की मंजूरी के बाद राज्य में अब नशा मुक्ति केंद्र, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के साथ मानसिक रोग विशेषज्ञ, नर्सों, मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ताओं को पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। लेकिन मानसिक रोग विशेषज्ञों से पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।
2017 में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम लागू किया था
केंद्र सरकार ने 2017 में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम लागू किया था। साथ ही राज्यों को भी इस अधिनियम के तहत मानसिक स्वास्थ्य नीति और नियमावली बनाने के निर्देश दिए गए थे। अधिनियम के तहत 2019 में सरकार ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया। लेकिन नियमावली न होने के कारण प्राधिकरण काम नहीं कर पा रहा था। बीते माह स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमावली का प्रस्ताव केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा गया था। केंद्र सरकार ने नियमावली का परीक्षण करने के बाद मंजूरी दे दी है।