आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, द्वारा 05 जनवरी को विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर कटारमल में एवम इसके नजदीकी ग्राम पंचायतों के स्थानीय लोगों ने, आईटीबीपी के जवानों एवम योग विज्ञान विभाग के तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवम कर्मचारियों के साथ ही मंदिर दर्शन में आए पर्यटकों ने वृहद रूप से सामुहिक रूप से सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया।
सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार का आयोजन
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि परिसर निदेशक प्रो0 पी 0एस0 बिष्ट, विशिष्ट अतिथि द्वितीय कमान अधिकारी, आइ0टी0बी0पी0 पुनीत सचदेवा, जिला आयुर्वेदिक एवम् यूनानी अधिकारी डॉ० निवेदिता जोशी, ग्राम प्रधान कटारमल बलवीर सिंह बिष्ट, प्रभारी चिकित्साधिकारी (कोसी) डॉ0 अनुपमा त्यागी, प्रभारी चिकित्साधिकारी (धामस) डॉ0 रजनी बाला एवम् योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चंद भट्ट ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
वृहद सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का गुजरात से हुआ शुभारंभ
इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० नवीन भट्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय द्वारा इस वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर 01 से 14 जनवरी के मध्य देश भर के सूर्य मंदिर में ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण एवम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के संदेश के साथ ही स्वस्थ भारत की संकल्पना को लेकर सृष्टि में प्रकाश के द्योतक भगवान सूर्यदेव को समर्पित सामुहिक सूर्य नमस्कार का अयोजन किया जा रहा है जिसमें 1 जनवरी से गुजरात सरकार द्वारा 108 स्थानों में वृहद सूर्य नमस्कार कार्यक्रम कर इसका शुभारंभ किया जा चुका है इसके पश्चात 04 जनवरी को यह मध्य प्रदेश में यह कार्यक्रम हुआ।
कटारमल में भव्य रूप से आयोजित हुआ सूर्य नमस्कार
05 जनवरी को यह उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित कटारमल में यह भव्य रूप में हो रहा है, आयुष मंत्रालय द्वारा उत्तराखण्ड में यह कार्यक्रम सूर्य मंदिर कटारमल में कराने का जिम्मा योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा को सौंपा है। इस हेतु मैं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवम प्रो0 आई0 एन0 आचार्य, निदेशक मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
मंत्रों के साथ 12 चक्र सूर्य नमस्कार कर ध्यान का अभ्यास किया
इसके पश्चात सभी प्रतिभागियों ने मंत्रों के साथ 12 चक्र सूर्य नमस्कार के किए इसके पश्चात सभी ने ध्यान का अभ्यास किया। कार्यक्रम का संचालन योग विज्ञान विभाग के शिक्षक रजनीश कुमार जोशी ने किया। मुख्य अतिथि प्रो0 पी0 एस0 बिष्ट ने सूर्य नमस्कार के वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार की 12 स्तिथियां स्वयं में पूर्ण आसन, प्राणायाम, ध्यान एवम मंत्र जप यानी एक पूर्ण साधना है जिसका हमारे शारीरिक एवम मानसिक स्वास्थ्य के संरक्षण में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सूर्य नमस्कार से स्वास्थ्य पर पड़ता सकारात्मक प्रभाव
वहीं विशिष्ट अतिथि आइटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी पुनीत सचदेवा ने कहा कि सामुहिक सूर्य नमस्कार के अभ्यास से समूह भावना का विकास होने के साथ ही स्वास्थ्य पर स्कारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह मेरा स्वयं का अनुभव भी रहा है। उन्होंने कहा कि आगे भी भारत तिब्बत सीमा पुलिस का समाज हित हेतु ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। तत्पश्चात योग विज्ञान विभाग से अध्ययन किए पूर्व विद्यार्थियों को जो आयुष विभाग एवम देश विदेश के विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं।
ऐसे योग अनुदेशकों जिनमें पूजा रावत, पवन जोशी, अजय पांडे, ज्योति रैकवाल, उमा मेहता, पंकज मेहता, कविता खन्नी , निर्मला पेनवाल, अंजली किरन, पूजा आर्या, मनोज बजेठा,शोभा भाकुनी, मंजू बोरा , विवेक भट्ट, अजय कनवाल, विवेक बिष्ट, महेंद्र आदि को योग विज्ञान विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित रहे
इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार सिंह, गिरीश अधिकारी, हेमलता अवस्थी, अन्य विभागों के डॉ विनोद कुमार सिंह, डा रमेश मौर्या साहित अन्य शिक्षकजन, कर्मचारियों, विद्यार्थी, आइटीबीपी के जवान तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।