कोविड काल में नौकरी छोड़ने के बाद रंजीत ने 50 नाली बंजर भूमि को खेती योग्य बना कर बागवानी को अपना रोजगार बनाया और आज वह प्रतिवर्ष लगभग 2.50 लाख की आय का अर्जन कर लेते हैं। मुख्य उद्यान अधिकारी सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि रंजीत सिंह बिष्ट, ग्राम धामस, विकासखण्ड हवालबाग, कोविड काल से पूर्व दिल्ली में नौकरी करते थे। कोरोना काल में घर वापस लौटने के पश्चात् इन्होंने बागवानी को अपना रोजगार का जरिया बनाया। इसके लिए सर्वप्रथम इन्होंने अपनी लगभग 50 नाली बंजर भूमि को खेती योग्य बनाया।
विभिन्न फसलों का किया जा रहा उत्पादन
वर्ष 2020-21 में बागवानी मिशन योजना अन्तर्गत 0.50 है0 क्षे0फ0 पर 139 आडू फल पौध का रोपण किया गया जो आज फलत में है। इसके अलावा खुमानी, प्लम, सेब के लगभग 200 पेड़ लगाये गये।उन्होंने बताया कि कृषक द्वारा 100-100 वर्ग मी0 के दो पाली हाउस भी इसी योजना के अंतर्गत लगाये गये है, जिसमें शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा आदि फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही बार मल्चिंग सीट का प्रयोग कर गोभी वर्गीय फसलों का उत्पादन भी हो रहा है।
ओलावृष्टि से बचाव हेतु एंटी हेलनैट का प्रयोग
उन्होंने बताया कि कृषक द्वारा जैविक खेती हेतु वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण भी किया गया है जिसमें तैयार वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग अपनी फसलों में किया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषक द्वारा फसलों को ओलावृष्टि से बचाव हेतु एंटी हेलनैट का प्रयोग किया जा रहा है। फलों एवं सब्जियों के उत्पादन से कृषक को प्रति वर्ष लगभग 2.50 लाख की आय प्राप्त हो रही है।