अल्मोड़ा: गीता जयंती के पावन अवसर पर एसएसजे विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय चित्र निर्माण कार्यशाला, प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का होगा आयोजन

विकसित भारत संकल्प यात्रा के अर्न्तगत गीता जंयती  के पावन अवसर पर सोबन सिंह जीना, विश्वविद्यालय, अल्मोडा (उत्तराखण्ड) में 22  दिसम्बर 2023 से दो दिवसीय राष्ट्रीय चित्र निर्माण कार्यशाला, प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का आयोजन होगा। जिसका शीर्षक भारतीय कला में श्रीमद्भगवद्गीता का प्रभाव, भगवद्गीता की कथायें, चरित्र, घटनायें एवं राधाकृष्ण की लीलाओं के विशेष सन्दर्भ में कार्यशाला एवम प्रदर्शनी आयोजित होगी। जिसमें कार्यशाला : 22 -23  दिसम्बर 2023 तक व प्रदर्शनी  26-28  दिसम्बर 2023 तक दृश्यकला संकाय एवं चित्रकला विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में आयोजित होगी।

सम्पूर्ण भारतवर्ष में पूर्ण श्रद्धा से मनाई जाएगी गीता जयंती

हिन्दु कलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को गीता जंयती सम्पूर्ण भारतवर्ष में पूर्ण श्रद्धा से मनाई जाती है। इस वर्ष 22 दिसम्बर 2023 को गीता जंयती है। गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जिसकी प्रत्येक वर्ष जंयती मनायी जाती है। भारतीय संस्कृति एवं कला के उपर गीता के उपदेश, कथा, वर्णित मुख्य चरित्र श्रीकृष्ण की लीलाओं का व्यापक प्रभाव आदि-अनादि काल से देखा जा सकता है।

श्रीमदभगवद्गीता का चित्रमय वर्णन भारतीय चित्रकला को देता है एक विशिष्ट पहचान

राजस्थानी, पहाड़ी, कांगड़ा, आदि चित्रकला के विविध शैलियों में श्रीमदभगवद्गीता का चित्रमय वर्णन भारतीय चित्रकला को एक विशिष्ट पहचान देता है। कला के साथ ही भारतीय जन-जीवन के प्रत्येक पक्ष पर गीता के वचनों का प्रभाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। इस परम आदरणीय, श्रद्धेय श्रीमद्भगवद्‌गीता के लोक कल्याणकारी अध्यात्ममय एवं ज्ञानमय स्वरूप से युवा वर्ग को परिचित कराने के लिए गीता जंयती को मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर विश्व के लगभग सभी राष्ट्रों में श्रीमदभगवद्गीता के लोक-कल्याणकारी स्वरूप की मान्यता है। गीता जयंती का दिन श्रीमद्भगवद्गीता के जन्म का प्रतीक है। गीता में लिखे श्लोक स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले हैं जो युगों-युगों से और आज भी मानव जीवन का कल्याण करने में सहायक होते हैं।
कार्यशाला प्रातः 10:30 बजे से होगी आरंभ


प्रस्तावित ‘दो दिवसीय चित्र निर्माण कार्यशाला में युवा कलाकारों के द्वारा बनाये गये चित्र श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान-दर्शन, अध्यात्म और भौतिक जीवन की एक सौन्दर्यमय प्रस्तुति होंगे। कार्यशाला आरम्भ का समय प्रातः 10:30 बजे से होगा। 

दिनांक 22 दिसम्बर 2023) प्रतिभागियों हेतु आवश्यक निर्देश

👉उपरोक्त कार्यशाला एवं प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु इच्छुक प्रतिभागी दिनांक 21 दिसम्बर 2023 तक  /विभाग संकाय के कार्यालय में अपना नाम व पूर्ण विवरण (व्हाट्सएप मोबाइल नंबर, मेल आई डी कक्षा और निवास स्थान) योगेश डसीला (9758899184) के पास दर्ज करवा लें। कार्यशाला में चित्र बनाने के लिए सीट प्रत्येक प्रतिभागी को उपलब्ध करवायी जायेगी।

👉समस्त प्रतिभागी चित्र निर्माण सबंधी आवश्यक सामग्री यथा रंग, ब्रश, मिक्सिंग प्लेट, एप्रेन आदि अपने साथ लायें। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को समय सीमा का पालन करना अनिवार्य होगा। दिनांक: 22 एवं 23 दिसम्बर 2023 को प्रातः 10:30 बजे से शाम 03:30 तक होगा।

👉इस कार्यशाला एवं प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए प्रतिभाग संबंधी प्रमाण-पत्र दिया जायेगा तथा सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों के नामों की घोषणा की जायेगी।

👉सर्वश्रेष्ठ कलाकृ‌ति हेतु चयन समिति द्वारा चयनित कलाकृति के प्रति लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा। जिस संबंध में किसी भी तरह का वाद और प्रतिवाद किसी भी प्रतिभागी द्वारा नहीं किया जा सकेगा। प्रतिभाग हेतु इच्छुक प्रतिभागी को उपरोक्त सभी निर्देशो और विशेष निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

प्रतियोगिता से संबधित जानकारी के लिए निम्न नंबरों पर करे संपर्क

प्रतियोगिता संबंधी कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित नम्बरों पर सम्पर्क कर सकते हैं-  योगेश डसीला (9756899184),  सन्तोष सिंह मेर (6396845117) 94111168639756109872

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